बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीति गरमा गई है। शुक्रवार को दिलीप जायसवाल ने स्पष्ट रूप से कहा कि “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नेतृत्व तय है। इस पर पीछे हटने का कोई सवाल ही नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा कि अमित शाह ने यह संकेत दिया था कि भाजपा में बड़े फैसले संसदीय बोर्ड लेता है और यह पार्टी की परंपरा है।
लेकिन मात्र 24 घंटे बाद, शनिवार को दिल्ली में बीजेपी की कोर कमिटी की बैठक में शामिल होने से पहले जायसवाल ने अपने बयान से पलटते हुए कहा कि “सीएम फेस पर फैसला आलाकमान लेगी। हम लोग छोटे कार्यकर्ता हैं।”
इस बयान ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान भाजपा के भीतर चल रहे मंथन और संभावित रणनीति बदलाव का संकेत हो सकता है।
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