पटना: पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के खिलाफ धरने पर बैठे अभ्यर्थियों का समर्थन करते हुए 70वीं पीटी परीक्षा को रद्द करने की मांग की है। उन्होंने आयोग के अध्यक्ष परमार रवि मनु भाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिन पर विजिलेंस का केस और FIR दर्ज है, उन्हें आयोग का अध्यक्ष बनाना समझ से परे है। फेसबुक लाइव में 44 मिनट तक अपनी बात रखते हुए पप्पू यादव ने कहा कि “मैं यह जानना चाहता हूं कि रिटायर्ड लोगों को ही बीपीएससी का अध्यक्ष क्यों बनाया जाता है। यह निर्णय किस आधार पर लिया गया और इसमें कितने करोड़ की डील हुई है?”
उन्होंने परीक्षा आयोजित करने वाली संस्थाओं में पारदर्शिता की मांग की और सुझाव दिया कि ऐसी संस्थाओं के अध्यक्ष जनता द्वारा चुने जाने चाहिए या यह निर्णय किसी रेगुलेटरी बॉडी के माध्यम से होना चाहिए। पप्पू यादव ने कहा कि “जब कोई नेता या सरकार बीपीएससी जैसी संस्थाओं के लिए अध्यक्ष तय करती है, तो यह संस्थाएं भ्रमित हो जाती हैं। इसके कारण परीक्षाओं में पारदर्शिता की कमी होती है।” उन्होंने UPSC, BPSC, और SSC जैसे मुद्दों को संसद में भी लगातार उठाने की बात कही और इस मामले में सरकार की भूमिका पर सवाल खड़े किए।
सांसद ने धरने पर बैठे अभ्यर्थियों के साथ अपनी एकजुटता जाहिर की और उनकी मांगों को जायज बताया। उन्होंने कहा कि परीक्षाओं की निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना सरकार और आयोग दोनों की जिम्मेदारी है। धरने पर बैठे बीपीएससी अभ्यर्थियों का कहना है कि 70वीं पीटी परीक्षा में गड़बड़ी हुई है और इसे रद्द किया जाना चाहिए। वे परीक्षा के आयोजन में जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग भी कर रहे हैं। पप्पू यादव ने कहा कि परीक्षा आयोजित करने वाली संस्थाओं की संरचना में बदलाव किया जाना चाहिए। अध्यक्ष और प्रमुख अधिकारियों के चयन में जजों और प्रबुद्ध नागरिकों की एक समिति शामिल होनी चाहिए।