पटना: बिहार सरकार ने राज्य में निवेश को बढ़ावा देने और निवेशकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए एक बड़ी पहल की है। राज्य के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने घोषणा की है कि सभी 11 क्षेत्रों में 5-10 एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) के लिए नोडल अधिकारियों को नियुक्त किया जाएगा। मुख्य सचिव ने बताया कि नोडल अधिकारी का मुख्य उद्देश्य निवेशकों के लिए व्यापार को सरल और सुविधाजनक बनाना होगा। वे निवेशकों को भूमि आवंटन और सभी आवश्यक अनुमोदन प्रक्रियाओं में सहायता करेंगे। इस पहल का उद्देश्य राज्य में निवेश के माहौल को मजबूत करना और नए व्यवसायों को बढ़ावा देना है।
मुख्य सचिव ने कहा कि “हमारा प्रयास है कि एक वर्ष के भीतर सभी एमओयू को जमीनी स्तर पर निवेश में परिवर्तित किया जाए।” राज्य सरकार ने न केवल नोडल अधिकारियों की नियुक्ति का निर्णय लिया है, बल्कि राज्य निवेश संवर्धन बोर्ड के माध्यम से समय-समय पर निवेश परियोजनाओं की समीक्षा भी की जाएगी। यह सुनिश्चित करेगा कि प्रक्रियाओं में देरी न हो और निवेशकों को सभी प्रकार की सुविधाएं समय पर मिलें।
11 क्षेत्रों में निवेश पर जोर
बिहार सरकार ने जिन 11 क्षेत्रों में नोडल अधिकारी नियुक्त करने का फैसला किया है, वे राज्य की विकास प्राथमिकताओं के आधार पर चुने गए हैं। इनमें उद्योग, कृषि प्रसंस्करण, ऊर्जा, आईटी, शिक्षा, स्वास्थ्य, और पर्यटन जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि यह पहल राज्य में व्यवसाय करने में आसानी (Ease of Doing Business) को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है। सरकार का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक निवेशकों को आकर्षित कर बिहार को एक निवेश हब के रूप में स्थापित किया जाए।