पिछले 9 दिनों से गर्दनीबाग धरना स्थल पर बीपीएससी (BPSC) अभ्यर्थी के सत्याग्रह आंदोलन के समर्थन में आज 26 दिसंबर को जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर भी पहुंचे। प्रशांत किशोर ने कहा सरकार ने छात्रों को लाठी से क्यों मारा। छात्रों का मामला और सरकार का निर्णय अलग मुद्दा है। अगर यहां से मार्च निकलेगा तो मैं भी इसमें शामिल रहूंगा। मैं देखना चाहता हूं कि सरकार के अंदर कितना दम है। प्रशांत किशोर ने कहा मैं यहां पर राजनीतिक दल के नेता के हैसियत से नहीं आया।
पहले BPSC अभ्यर्थियों की पिटाई, फिर FIR भी दर्ज… तेजस्वी-पप्पू ने नीतीश सरकार को जमकर सुनाया
प्रशांत किशोर ने कहा कि तीन दिन का वक्त सरकार को देना चाहिए। 3 दिन के बाद भी अगर कोई रास्ता नहीं निकला तो छात्रों के साथ सबसे आगे प्रशांत किशोर रहेगा। प्रशांत किशोर ने कहा कि जो अभ्यर्थी लड़ाई लड़ते-लड़ते अपनी जान दे दिया है। उसको सरकार को 10 लाख रुपये का मुआवजा तुरंत देना चाहिए। क्योंकि गरीब का बच्चा था. प्रशांत किशोर ने कहा कि आप लोग के साथ हम कल 27 दिसंबर को चलने को तैयार हैं। कोई लाठी नहीं मारेगा, अगर लाठी मारेगा तो सरकार गिरेगी। कल 27 दिसंबर को बीपीएससी अभ्यर्थी आयोग का मार्च करेंगे। इस मार्च में प्रशांत किशोर भी साथ रहेंगे।
बता दें कि इससे पहले धरना पर बैठे अभ्यर्थियों ने भी साफ कर दिया है कि उनके आंदोलन में राजनीति की कोई जगह नहीं है। बीपीएससी अभ्यर्थियों ने ये मैसेज दिया कि अगर कोई नेता पार्टी के आधार पर उनके आंदोलन से जुड़ेगा तो उनकी कोई जगह नहीं है। बीपीएससी अभ्यर्थियों ने प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज भारती को नसीहत भी दी।
मनोज भारती जब बीपीएससी अभ्यर्थियों के पास पहुंचे तो उन लोगों ने कहा कि आज आठ दिन के बाद आप हमारे पास आए हैं। क्या आपने टीवी नहीं देखा था? आपको पता नहीं था? इतना ही नहीं बीपीएससी अभ्यर्थियों ने मनोज भारती को कहा कि आप यह बताइए कि आप अगर एक पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर आए हैं तो हमें आपका सपोर्ट नहीं चाहिए। आप अपने मुंह से जन सुराज नहीं बोलेंगे। आप एक अभिभावक के तौर पर आए हैं तो ठीक है हम आपका स्वागत करते हैं। इस दौरान मनोज भारती असहज होकर सब कुछ सुनते दिखाई दिए।