बिहार सरकार ने गया जिले के खिजसराय अंचल के मौजा-डेगांव में एक अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी सेंटर के निर्माण को मंजूरी दी है। यह सेंटर केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय (एमएसएमई) के तहत स्थापित किया जाएगा। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के तकनीकी विकास को बढ़ावा देना और युवाओं के लिए रोजगार व प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करना है।
परियोजना की विशेषताएं
लागत और क्षेत्रफल:
यह सेंटर 200 करोड़ रुपये की लागत से 20 एकड़ क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा।
प्रशिक्षण और रोजगार:
सेंटर युवाओं को अत्याधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण देगा और 500 से 1000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान करेगा।
तकनीकी महत्व:
यहां विकसित उपकरण अंतरिक्ष कार्यक्रमों और अन्य उन्नत तकनीकी क्षेत्रों में उपयोग किए जाएंगे।
जीतन राम मांझी का बयान
केंद्रीय एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी ने इस परियोजना को बिहार के लिए एक क्रांतिकारी कदम बताया। उन्होंने कहा कि पटना में पहले से एक टेक्नोलॉजी सेंटर है, लेकिन बढ़ती आबादी और तकनीकी मांग को देखते हुए गया में एक और सेंटर की आवश्यकता महसूस हुई।
“यह सेंटर युवाओं को अत्याधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण देने के साथ-साथ रोजगार के अवसर प्रदान करेगा। यह परियोजना बिहार को तकनीकी क्रांति की ओर ले जाएगी,” मांझी ने कहा।
परियोजना की प्रगति
निर्माण कार्य को शीघ्र शुरू करने की योजना बनाई गई है। इससे युवाओं को जल्द ही इस सेंटर का लाभ मिलने लगेगा। नीतीश सरकार की यह पहल न केवल तकनीकी विकास को बढ़ावा देगी, बल्कि राज्य की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत करेगी।
क्या है टेक्नोलॉजी सेंटर?
टेक्नोलॉजी सेंटर एक ऐसा केंद्र होता है, जहां छोटे और मध्यम उद्योगों को तकनीकी सपोर्ट, प्रशिक्षण, और इनोवेशन के लिए जरूरी संसाधन और ज्ञान उपलब्ध कराया जाता है। गया के इस सेंटर में निम्नलिखित क्षेत्रों पर काम किया जाएगा:
इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग
3डी प्रिंटिंग
ऑटोमेशन
स्पेस पार्ट्स निर्माण
बिहार के लिए संभावनाएं
यह परियोजना बिहार के युवाओं को नई तकनीकों से परिचित कराएगी और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी। साथ ही, राज्य में तकनीकी और औद्योगिक विकास के नए द्वार खोलेगी।