बिहार विधान परिषद की खाली हुई एक सीट के लिए JDU की तरफ से ललन प्रसाद ने नामांकन किया है। उनका निर्विरोध चुना जाना तय माना जा रहा है, लेकिन इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने विधान परिषद के रिजल्ट पर रोक लगा दी है, जिसे 16 जनवरी को निर्विरोध घोषित किया जाना था। इस मामले में कल फिर से सुप्रीम सुनवाई करेगी।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा प्रस्तुत सिंह की याचिका पर जवाब दिया। सिंघवी ने अदालत को सूचित किया कि चुनाव परिणाम की घोषणा करने से विरोधाभासी स्थिति पैदा हो सकती है, अगर अदालत सुनील सिंह के निष्कासन को रद्द करने का फैसला करती है।
महागठबंधन में शामिल होंगे पशुपति पारस !… राजद की पोस्टर से गायब हुए लालू-राबड़ी
बता दें कि यह सीट पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के निष्कासित सदस्य सुनील कुमार सिंह के पास थी, जिन्हें पिछले साल अनियंत्रित व्यवहार के कारण परिषद से हटा दिया गया था। सुनील सिंह के निष्कासन से संबंधित कानूनी कार्यवाही अगस्त 2024 में शुरू हुई।
13 फरवरी, 2024 को, एक विधायी सत्र के दौरान, सिंह ने एक विवादास्पद आदान-प्रदान किया, जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी भी शामिल थी। न्यायालय ने 16 जनवरी को राज्य विधान परिषद और इसकी आचार समिति से जवाब सुनने का कार्यक्रम बनाया है, जिसके बाद वह मामले पर अपना निर्णय सुरक्षित रखेगा।