खूंटी: नशे के खिलाफ झारखंड पुलिस प्रशासन कमर कस चुकी है। लगातार ढूंढ कर अफीम की खेती को पुलिस नष्ट कर रही है। बता दें जिला प्रशासन व जिला पुलिस ने अफीम के खिलाफ बड़ा अभियान छेड़ रखा है। इसके तहत अबतक कई बड़े बड़े अफीम के खतों को ढूंढ कर नष्ट कर चुकी है। बुधवार को जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्रों के गांवों में एक साथ अभियान चलाया गया। इस क्रम में सोयको थाना से सटे जिवरी गांव में 25 एकड़, मारंगहादा थाना क्षेत्र के सिरूम व हुंडुरडीह में 15 एकड़ खूंटी सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत दबगना, सिलादोन व बरबंदा में लगभग 20 एकड़, मुरहू थाना क्षेत्र के ईठे, पोकला में 20.31 एकड़, अड़की थाना क्षेत्र के गीतिलबेडा, सोनपुर में 15 एकड़ में लगे अवैध अफीम की फसलों को विनष्ट किया गया। बताया गया कि 11 दिसंबर को जब अफीम के पौधे बड़े हो रहे थे, तब जिला प्रशासन व जिला पुलिस ने अफीम के खिलाफ अभियान प्रारंभ किया। अब तक पुलिस के द्वारा लगभग 1200 एकड़ में लगे अफीम के पौधों को विनष्ट किया गया। लगभग दस से ज्यादा गांवों में ग्रामीणों ने जागरूकता और पुलिसिया कार्रवाई के भय से अफीम की फसलों को स्वंय नष्ट किया है। अब अफीम के पौधे बड़े हो गए हैं और उनमें फुल लगने लगे हैं। इसके साथ ही पुलिस प्रशासन की बेचैनी बढ़ी है। घने जंगलों के अंदर भी लोगों ने अफीम की खेती की है।
अवैध अफीम की खेती करने वालों की सोच है कि यहां तक तो किसी भी हाल में पुलिस नहीं पहुंचेगी। लेकिन वैसे लोगों की चालाकी को पुलिस प्रशासन अब नाकाम करने लगी है। गांवों में जब पुलिस की टीम पहुंच रही है, तब पहले बड़े आकार का ड्रॉन उड़ाकर अफीम के खेतों की तस्वीरें और जीआर लिया जा रहा है। उसके बाद प्रारंभ हो रही है कार्रवाई, अवैध फसलों के साथ एफआईआर और गिरफ्तारी भी की जा रही है। जिससे अफीम की खेती करने वालों में हड़कम्प मच गया है। इस बार जिले के उपायुक्त लोकेश मिश्रा और पुलिस अधीक्षक अमन कुमार अवैध अफीम की खेती को लेकर सख्त हैं। उनके दिशा निर्देशन में गांव-गांव में जागरूकता के साथ अफीम विनष्टिकरण का काम जोरों पर है। बुधवार को अड़की प्रखंड के सेल्दा, गसर व तुबिद गांवों में अंचलाधिकारी प्रिति विजया कुजूर, एसएसबी 26वीं बटालियन के निलेश संतोष मासुले, थाना प्रभारी मुकेश कुमार यादव ने ग्रामीणों के संग बैठक की, जिसमें गांव के सारे लोग मौजूद थे। अफीम के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के साथ छह एकड़ में लगे अफीम की फसलों को नष्ट किया गया। उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि जिले में अफीम की अवैध खेती को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए प्रशासन प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही, ग्रामीणों को वैकल्पिक और लाभकारी खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। अफीम की खेती रोकने और वैकल्पिक कृषि को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन द्वारा निरंतर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। ग्रामीणों को कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए भी ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। जिला प्रशासन ने सभी ग्रामीणों से अपील की है कि वे अवैध गतिविधियों से दूर रहें और क्षेत्र के विकास में सहयोग करें। जिला प्रशासन खूंटी द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियान का सकारात्मक प्रभाव अब स्पष्ट रूप से सामने आ रहा है। मुरहू थाना अंतर्गत ग्राम बुंडू मामाईल और साइको थाना अंतर्गत गुटुहातू गांव में ग्रामीणों ने स्वेच्छा से अफीम की अवैध खेती का विनष्टीकरण करना शुरू कर दिया है। उपायुक्त लोकेश मिश्रा ने ग्रामीणों के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि यह क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उपायुक्त ने ग्रामीणों के इस सहयोग की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रशासन का मुख्य उद्देश्य अफीम की अवैध खेती को जड़ से समाप्त कर क्षेत्र में वैकल्पिक एवं लाभकारी खेती को बढ़ावा देना है।