बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने हाल ही में एक साक्षात्कार में स्पष्ट किया कि अब बिहार में कोई राजनीतिक “खेला” नहीं होगा, बल्कि सीधे चुनाव होंगे। उन्होंने कहा कि अक्टूबर से नवंबर के बीच चुनाव संपन्न होंगे और नई सरकार का गठन होगा।
- एनडीए पर तीखा हमला: तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए पर सीधा निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एनडीए 20 साल से बिहार में सत्ता में है और 11 साल से केंद्र में है, लेकिन बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला। नीति आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने बिहार को गरीबी, बेरोजगारी और पलायन में शीर्ष पर बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में अफसरशाही, घूसखोरी और भ्रष्टाचार चरम पर है।
- महागठबंधन की मजबूती: महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा कौन होगा, इस पर तेजस्वी ने कहा कि पिछली बार की तरह इस बार भी वही नेतृत्व करेंगे। उन्होंने दावा किया कि इस बार महागठबंधन पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली बार 10-12 सीटों पर बेईमानी हुई थी, जिससे महागठबंधन को सत्ता से दूर रखा गया।
- चिराग पासवान और पशुपति पारस पर प्रतिक्रिया: चिराग पासवान को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा कि वे केंद्र में मंत्री हैं लेकिन बिहार के लिए कुछ खास नहीं किया है। उन्होंने चिराग को “हनुमान” कहकर टिप्पणी की। वहीं, पशुपति पारस के साथ गठबंधन की अटकलों पर उन्होंने स्पष्ट किया कि हाल में भोज पर पारिवारिक निमंत्रण था लेकिन राजनीतिक चर्चा नहीं हुई।
- जनता का भरोसा जीतने का दावा: तेजस्वी यादव ने कहा कि उनकी सरकार ने 17 महीनों में पांच लाख नौकरियां दीं, तीन लाख नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू की और साढ़े चार लाख नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया। साथ ही उन्होंने आईटी, पर्यटन और खेल नीति बनाई, जिससे युवाओं को नौकरी का मौका मिला। उन्होंने जातीय आधारित गणना और आरक्षण सीमा बढ़ाने जैसे कार्यों का हवाला देते हुए जनता से समर्थन मांगा।
- भाजपा पर हमला: तेजस्वी यादव ने भाजपा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा नफरत और घृणा फैलाने वाली पार्टी है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा संविधान और आरक्षण विरोधी है और समाज में विभाजन पैदा कर रही है।
बिहार की राजनीति में अब चुनावी शोर तेज हो चुका है और सभी दल अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। आने वाले दिनों में सियासी समीकरण और भी दिलचस्प हो सकते हैं।
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