रांची: झारखंड पुलिस को बड़ी उपलब्धि मिली, 51 मामले में फरार चल रहा दो लाख का इनामी पीएलएफआई का जोनल कमांडर कृष्णा यादव लोहरदगा से गिरफ्तार हुआ है। एसएसपी चंदन सिन्हा को मिली गुप्त सूचना के आधार पर रांची पुलिस की टीम ने लोहरदगा पुलिस की मदद से कृष्णा यादव उर्फ सुल्तान को कुड़ू के धोबीघाट गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर नकटा पहाड़ क्षेत्र के अम्बाटांड़ जंगल में स्थित क्षतिग्रस्त मकान में बैग में छुपा कर रखा हुआ एक कारबाइन, 6 राउंड गोली व एक कंबल बरामद किया है।
एसएसपी चंदन सिन्हा ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर या जानकारी दी। कृष्ण यादव के ऊपर रामगढ़, लातेहार, चतरा, रांची और लोहरदगा जिले के अलग-अलग थानों में कुल 51 मामले दर्ज हैं। छापेमारी दल में खलारी डीएसपी रामनारायण चौधरी खलारी थाना प्रभारी विजय कुमार सिंह, मैक्लुस्कीगंज थाना प्रभारी गोविंद कुमार समेत कई पुलिस अधिकारी शामिल थे। पुलिस के द्वारा पकड़े जाने पर कृष्ण यादव को लेकर पुलिस नक्शा पहाड़ क्षेत्र में तलाशी अभियान चला रही थी। इसी दौरान वह पुलिस को धक्का देते हुए रस्सी छुड़ाकर भागने लगा। जिस क्रम में वह गड्ढा में गिर गया और वह चोटिल हो गया. जिसके बाद पुलिस ने उसे दोबारा पकड़ कर इलाज के लिए रिम्स में भर्ती कराया। जहां वह पुलिस की अभिरक्षा में इलाजरत है।
पकडे जाने के बाद कृष्ण यादव ने पुलिस को बताया कि वह साल 2014 में पीएलएफआई उग्रवादी संगठन से जुड़ा हुआ था। साथ ही हुआ जमीन कारोबारी, कोयला कारोबारी, क्रशर कारोबारी, ईंट भट्ठा मालिक और विकास कार्य में लगे ठेकेदारों से रंगदारी के रूप में मोटी रकम का मांग करता था। नहीं देने पर सदस्यों के साथ जाकर आगजनी, तोड़फोड़ और फायरिंग की घटना को अंजाम देता था। साथ ही हत्या तक की घटना को अंजाम देता था। इससे पहले साल 2021 में भी रांची पुलिस ने कृष्णा यादव को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद लातेहार पुलिस ने एक मामले में पूछताछ के लिए उसे रिमांड पर लेकर बालूमाथ थाना के हाजत में रखा था। 23 मार्च 2021 की सुबह पुलिस को चकमा देकर वह फरार हो गया था। इसके बाद से पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी। लेकिन वह पुलिस की पकड़ से दूर था और एक के बाद एक हत्या, गोलीबारी व आगजनी की घटनाओं को अंजाम देकर पुलिस को खुलेआम चुनौती देते आ रहा था। कृष्णा यादव कई जिलों की पुलिस के लिए चुनौती बना था। पुलिस ने उसके पास से हथियार भी बरामद किया है। कृष्णा यादव ने रामगढ़ लोहरदगा के साथ-साथ रांची, खूंटी, लातेहार समेत अन्य जिलों में भी कई घटनाओं को अंजाम दिया था।