मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा को लेकर भाकपा-माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रगति यात्रा के दौरान भाकपा-माले के क्षेत्रीय कार्यालय पर सरकार द्वारा कार्रवाई की जा रही है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री जब विभिन्न जिलों में यात्रा कर रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि राज्य में विकास हो रहा है, तो वहीं उनके पार्टी कार्यकर्ताओं को पुलिस द्वारा उत्पीड़ित किया जा रहा है।
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दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि मुख्यमंत्री जहां भी जाएं, वहां जनता को अपना पक्ष रखने का पूरा अधिकार होना चाहिए, ताकि वे वास्तविक स्थिति मुख्यमंत्री तक पहुंचा सकें। उन्होंने इस संदर्भ में गुजरात के अहमदाबाद की एक घटना का हवाला देते हुए कहा कि जब भारत में ट्रंप आए थे, तो गरीबों की बस्तियों पर पर्दा डालने की कोशिश की गई थी, ताकि वास्तविक स्थिति का पता न चल सके। वैसे ही नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार भी कभी छात्र नेता थे, लेकिन आज वही नीतीश कुमार छात्रों पर दमन कर रहे हैं। यह दुखद है।
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दीपांकर भट्टाचार्य ने यह भी आरोप लगाया कि जब माले के कार्यकर्ता सरकार को वास्तविक स्थिति बताने की कोशिश करते हैं तो उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है और उनके कार्यालयों को बंद कर दिया जा रहा है। उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा एक दिखावा मात्र है। हमारे कार्यकर्ताओं को असलियत बताने पर सख्ती और दमन किया जा रहा है। हम इसे कभी भी सहन नहीं करेंगे।
देशभर में जाति आधारित जनगणना कराई जाए
जनगणना को लेकर भट्टाचार्य ने अपनी और राहुल गांधी की मांग को दोहराया कि देशभर में जाति आधारित जनगणना कराई जाए। उन्होंने कहा, “बिहार में हुई जाति आधारित जनगणना को हम इसकी शुरुआत मानते हैं, जो 65 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रही थी, लेकिन कोर्ट ने इस पर रोक लगाई थी।” भट्टाचार्य ने आगे कहा कि इस मुद्दे को संसद में उठाकर संविधान की 9वीं सूची में डाला जाना चाहिए।
आय प्रमाण पत्र में धांधली
वहीं, गरीबी सर्वेक्षण पर भी भट्टाचार्य ने कड़ी आपत्ति जताई और कहा, “सर्वेक्षण में पाया गया कि एक तिहाई, यानी करीब 94 लाख परिवार महज 6 हजार रुपए मासिक आमदनी पर जीवनयापन कर रहे हैं। सरकार ने इनको 2 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने का वादा किया था, लेकिन अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।” उन्होंने यह भी कहा कि आय प्रमाण पत्र में धांधली हो रही है, और जो लोग 70 हजार से कम आय वाले हैं, उन्हें एक लाख रुपये का प्रमाण पत्र थमाया जा रहा है।