बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने महागठबंधन के नेतृत्व पर बड़ा बयान देते हुए तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में खारिज कर दिया है। उन्होंने सुझाव दिया है कि महागठबंधन का नेतृत्व कांग्रेस को करना चाहिए और चुनाव बिना किसी चेहरे के लड़ा जाना चाहिए। पप्पू यादव ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री पद की घोषणा चुनाव के बाद की जानी चाहिए।
पप्पू यादव के इस बयान से यह संकेत मिलता है कि उन्हें तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चुनाव लड़ने पर आपत्ति है। वहीं, राजद ने स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी का चेहरा तेजस्वी यादव ही होंगे। हाल ही में राजद ने तेजस्वी को पार्टी के अंदर लालू प्रसाद यादव जैसी शक्ति दे दी है, जिससे अब पार्टी के हर बड़े फैसले का अधिकार तेजस्वी के पास है।
पप्पू यादव का कहना है कि अगर महागठबंधन को प्रभावी बनाना है, तो उसका नेतृत्व कांग्रेस को करना चाहिए। उनका तर्क है कि चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद के चेहरे का ऐलान करने से रणनीतिक नुकसान हो सकता है। उन्होंने महागठबंधन के भीतर बेहतर समन्वय और साझा नेतृत्व की मांग की है।
राजद ने पप्पू यादव के सुझाव को नकारते हुए अपने रुख को और स्पष्ट कर दिया है। पार्टी ने तेजस्वी यादव को पूर्ण अधिकार देकर यह संदेश दिया है कि आगामी चुनाव में उनका नेतृत्व अडिग रहेगा। राजद का मानना है कि तेजस्वी का चेहरा ही महागठबंधन को चुनावी सफलता दिला सकता है। बिहार विधानसभा चुनाव अभी दूर है, लेकिन राजनीतिक दलों के बीच बयानबाजी और नेतृत्व को लेकर खींचतान तेज हो गई है। जहां राजद तेजस्वी यादव के नेतृत्व को लेकर आश्वस्त है, वहीं पप्पू यादव का बयान महागठबंधन के भीतर नेतृत्व पर असहमति को उजागर करता है।