बिहार के शिक्षा विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए सीतामढ़ी के पूर्व जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीपीओ) संजय प्रसाद देव उर्फ कन्हैया प्रसाद की पेंशन पर आजीवन रोक लगा दी है। यह कदम उनके खिलाफ रिश्वत के आरोप में उठाया गया है, जिसमें उन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया था।
रिश्वत मामले में गिरफ्तारी और निलंबन
मार्च 2023 में पटना निगरानी विभाग की टीम ने संजय प्रसाद को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी उस समय हुई थी जब वह जिला शिक्षा पदाधिकारी के पद पर योगदान देने जा रहे थे। गिरफ्तारी के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया और विभाग ने उन्हें निलंबित कर दिया था।
पेंशन पर रोक और विभागीय कार्रवाई
संजय प्रसाद को 31 जनवरी 2024 को सेवानिवृत्त होना था, लेकिन विभाग ने उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई को बिहार पेंशन नियमावली के तहत परिवर्तित कर दिया। 29 सितंबर 2024 को जांच में आरोप प्रमाणित पाए गए, जिसके बाद उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया। हालांकि, उन्होंने कोई नया साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया, जिसके कारण उनके खिलाफ पेंशन रोकने का निर्णय लिया गया।
शिक्षा विभाग की कड़ी कार्रवाई
शिक्षा विभाग के निदेशक सुबोध कुमार चौधरी के निर्देश पर, विभागीय अधिकारियों ने उनकी 100 प्रतिशत पेंशन को स्थायी रूप से रोकने का दंड निर्धारित किया। यह निर्णय बिहार लोक सेवा आयोग से परामर्श लेने के बाद लिया गया। वहीं, वर्तमान में यह मामला विजिलेंस कोर्ट में विचाराधीन है, जहां आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इस कार्रवाई से यह संदेश मिलता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ शिक्षा विभाग पूरी तरह से सख्त है और ऐसे मामलों में किसी भी स्तर पर ढील नहीं दी जाएगी।