नई दिल्ली: महाकुंभ भगदड़ में हुई जान-माल की भारी क्षति का मामला आज भी संसद में गूंजता रहा। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने महाकुंभ में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखने का प्रस्ताव रखा, जिस पर स्पीकर ने टोकते हुए कहा कि यह अध्यक्ष का अधिकार है। अखिलेश ने फिर अपनी बात को दुरुस्त करते हुए कहा कि “अध्यक्ष जी, यह आपका अधिकार है, इसीलिए मेरा आग्रह है कि जब चर्चा समाप्त हो, तो श्रद्धांजलि के रूप में दो मिनट मौन रहकर हम उनका सम्मान करें।”
चर्चा के दौरान सपा अध्यक्ष ने महाकुंभ में हुई भगदड़ पर सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए। जब संसद में हंगामा बढ़ने लगा, अखिलेश ने अपनी लाल टोपी ठीक करते हुए आक्रामक अंदाज में कहा, “अध्यक्ष महोदय, अभी तो मैंने अपनी बात शुरू नहीं की है। जिन लोगों को तकलीफ हो रही है, उनका दुख होना चाहिए। महाकुंभ के बारे में बाद में बात करना चाहता था, लेकिन ये सुन नहीं सकते हैं, इसलिए मैं वहीं से शुरुआत करता हूं।”
अखिलेश ने आगे कहा कि सरकार को महाकुंभ हादसे में मारे गए लोगों की सही संख्या को सार्वजनिक करना चाहिए और आंकड़ों को छिपाने के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों पर दंडात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि “महाकुंभ की व्यवस्थाओं पर स्पष्टीकरण देने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए।”
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सपा अध्यक्ष ने यह भी मांग की कि महाकुंभ आपदा प्रबंधन और खोया पाया केंद्र की जिम्मेदारी सेना को दी जाए, और मृतकों तथा घायलों के इलाज के आंकड़े संसद में प्रस्तुत किए जाएं। अखिलेश ने तंज करते हुए कहा, “हम डबल इंजन सरकार से पूछते हैं कि अगर अपराध बोध नहीं था तो आंकड़े क्यों दबाए, छिपाए और घटाए गए हैं?” इस पर विपक्षी सांसदों ने जोरदार ‘शेम-शेम’ के नारे लगाए।