लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के चीन को लेकर दिए गए बयान पर विवाद बढ़ता जा रहा है। भाजपा सांसद उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने की योजना बना रहे हैं। दरअसल, राहुल गांधी ने सदन में दावा किया कि चीनी सैनिक भारतीय क्षेत्र में घुसे हुए हैं। उनके इस बयान से संसद में हंगामा खड़ा हो गया। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने उन पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया।
‘मेक इन इंडिया’ पर भी साधा निशाना
बजट सत्र के दौरान राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में भाग लेते हुए राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ योजना पूरी तरह असफल रही, जिससे देश के विनिर्माण क्षेत्र को नुकसान हुआ और चीन को फायदा मिला। कांग्रेस नेता का कहना था, “चीन हमारी जमीन पर कब्जा जमाए बैठा है, क्योंकि भारत उत्पादन को बढ़ावा देने में असफल रहा।”
बीजेपी का करारा जवाब
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यदि राहुल गांधी अपने आरोपों के पक्ष में सबूत नहीं देते, तो भाजपा सांसद उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव ला सकते हैं। जैसे ही राहुल ने यह बयान दिया, किरेन रिजिजू ने तुरंत पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता देश में झूठा नैरेटिव बना रहे हैं। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात कर राहुल गांधी से अपने बयान के प्रमाण देने की मांग की।
राहुल गांधी ने बेरोजगारी पर भी बोला हमला
अपने संबोधन में राहुल गांधी ने बेरोजगारी का मुद्दा भी उठाया और आरोप लगाया कि सरकार की गलत नीतियों के चलते भारत का उत्पादन चीन के हाथों में चला गया है। उन्होंने कहा कि चीन करीब 4000 वर्ग किलोमीटर भारतीय भूमि पर कब्जा कर चुका है, जबकि सरकार यह दावा कर रही है कि कोई जमीन नहीं गई। इस पर रिजिजू ने जवाब दिया कि इस तरह के झूठे बयान देश के राजनयिक संबंधों को प्रभावित कर सकते हैं।
सोनिया गांधी के खिलाफ भी विशेषाधिकार हनन का नोटिस
इससे पहले भाजपा के आदिवासी सांसदों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव का नोटिस दिया। राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी के नेतृत्व में सांसदों के एक समूह ने सभापति जगदीप धनखड़ से मिलकर सोनिया गांधी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की।
क्या होता है विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव?
विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव संसद की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसका उपयोग तब किया जाता है जब किसी सदस्य, सदन या संसदीय समिति के अधिकारों का उल्लंघन होता है। यदि कोई सांसद गलत या भ्रामक जानकारी देता है, तो उसके खिलाफ यह प्रस्ताव लाया जा सकता है।
विशेषाधिकार हनन के आधार
- अगर कोई सांसद असत्य या भ्रामक जानकारी देता है।
- यदि कोई व्यक्ति या संस्था संसद के कार्यों में हस्तक्षेप करती है।
- यदि कोई सदस्य गलत दावा करता है और उसे साबित नहीं कर पाता।
प्रस्ताव लाने की प्रक्रिया
- कोई भी सांसद लोकसभा अध्यक्ष को लिखित रूप में नोटिस दे सकता है।
- अध्यक्ष समीक्षा के बाद तय करते हैं कि प्रस्ताव स्वीकार किया जाए या नहीं।
- स्वीकृति के बाद मामला विशेषाधिकार समिति को भेजा जाता है।
विशेषाधिकार समिति की भूमिका
- समिति मामले की जांच कर रिपोर्ट तैयार करती है।
- दोषी पाए जाने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की जाती है।
- इसमें चेतावनी, निंदा, निलंबन या अन्य दंड शामिल हो सकते हैं।