भारत सरकार की वित्त मंत्रालय ने अपने कर्मचारियों को कार्यालय के किसी भी काम के लिए ChatGPTऔर DeepSeek जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स का इस्तेमाल करने से सख्ती से मना कर दिया है। सरकार का मानना है कि इन AI टूल्स का उपयोग सरकारी दस्तावेजों और डेटा की गोपनीयता के लिए एक गंभीर खतरा हो सकता है। यह महत्वपूर्ण एडवाइजरी अब सोशल मीडिया पर वायरल है। इस एडवाइजरी में मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से कहा कि ChatGPT और DeepSeek जैसे टूल्स सरकारी कंप्यूटरों और डिवाइसों में उपयोग के लिए सुरक्षित नहीं हैं, क्योंकि ये डेटा सुरक्षा और गोपनीयता की दृष्टि से जोखिम उत्पन्न कर सकते हैं।
वित्त मंत्रालय की एडवाइजरी में कहा गया है, “यह तय किया गया है कि सरकारी डिवाइसों में AI टूल्स और ऐप्स, जैसे कि ChatGPT और DeepSeek, सरकारी डेटा और दस्तावेजों की गोपनीयता के लिए खतरा हैं।” मंत्रालय का यह कदम डेटा सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये टूल्स बिना सुरक्षा उपायों के संवेदनशील डेटा को लीक कर सकते हैं।
भारत से पहले, ऑस्ट्रेलिया और इटली जैसे देशों ने भी ऐसे ही सुरक्षा कारणों से DeepSeek के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था। इन देशों ने AI टूल्स के जरिए डेटा चोरी और अन्य सुरक्षा उल्लंघनों के खतरे को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया। अब भारत ने भी इसी प्रकार का निर्णय लिया है, जो सरकारी डेटा को सुरक्षित रखने के लिए महत्वपूर्ण है। इस बीच, OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन का भारत दौरा है। इस दौरान वह आईटी मंत्री से मुलाकात करेंगे। भारत में AI के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए यह मुलाकात काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, खासकर ऐसे वक्त में जब सरकार ने AI टूल्स के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है।