दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों का इंतजार अब बस कुछ ही देर में खत्म होने वाला है। 5 फरवरी को हुई वोटिंग में 70 सीटों पर कुल 60.54% मतदान हुआ था। इस बार चुनावी मुकाबला बेहद दिलचस्प और अहम माना जा रहा है, क्योंकि यह चुनाव सिर्फ एक राजनीतिक दल की जीत नहीं, बल्कि विचारधाराओं के संघर्ष की तस्वीर भी पेश कर रहा है।
AAP बनाम BJP: किसका होगा दबदबा?
काउंटिंग शुरू होने से ठीक पहले दिल्ली की मुख्यमंत्री और कालकाजी से आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार आतिशी ने दावा किया कि यह चुनाव सिर्फ सीटों की लड़ाई नहीं, बल्कि अच्छे और बुरे के बीच का संग्राम है। उन्होंने कहा कि “दिल्ली की जनता आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल के साथ खड़ी है। इस बार भी केजरीवाल की जीत तय है और वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनेंगे।”
हालांकि, वोटिंग के बाद आए एग्जिट पोल ने मिलेजुले संकेत दिए हैं। कुल 14 एग्जिट पोल में से 12 ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने का अनुमान जताया है, जबकि 2 ने अरविंद केजरीवाल की सरकार बनने की भविष्यवाणी की है। अगर BJP सत्ता में वापसी करती है, तो यह 27 साल बाद की सबसे बड़ी राजनीतिक वापसी होगी।
27 साल बाद BJP की सत्ता में वापसी संभव?
दिल्ली में BJP ने आखिरी बार 1993 में सरकार बनाई थी, जब उसने 49 सीटों पर जीत दर्ज की थी। हालांकि, उस कार्यकाल में पांच साल के अंदर पार्टी ने तीन मुख्यमंत्री बदले—मदनलाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज।
इसके बाद दिल्ली की राजनीति में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का दबदबा रहा। 2015 और 2020 में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी ने प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता हासिल की। लेकिन 2024 में शराब घोटाले में नाम आने के बाद जेल से बाहर आने पर केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने 4 साल 7 महीने और 6 दिन तक दिल्ली की कमान संभाली। इसके बाद आतिशी को मुख्यमंत्री बनाया गया।
दिल्ली की जनता किसे देगी जनादेश?
अब सवाल यही है कि दिल्ली की जनता क्या 27 साल बाद बीजेपी को सत्ता में वापस लाएगी या आम आदमी पार्टी एक बार फिर से अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखेगी? नतीजे कुछ ही देर में सामने होंगे और यह तय हो जाएगा कि दिल्ली की गद्दी पर कौन बैठेगा। सभी की निगाहें अब चुनावी नतीजों पर टिकी हैं।