बिहार सरकार का फ्रीज अकाउंट अब तक ठीक नहीं हो सका है, जिससे राज्य की वित्तीय व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गई है। बीते 36 दिनों से किसी तरह का सरकारी लेन-देन नहीं हो रहा है। इसका असर न केवल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, मंत्रियों और विधायकों की सैलरी पर पड़ा है, बल्कि करीब 9 लाख कर्मचारियों का वेतन भी रुका हुआ है।
तकनीकी गड़बड़ी बनी बड़ी समस्या
दरअसल, 3 जनवरी को बिहार सरकार ने वेतन-बिल के भुगतान के लिए CFMS 2.0 (कंप्रहेंसिव फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम) नाम का नया सॉफ्टवेयर लॉन्च किया था। लेकिन इस सॉफ़्टवेयर के लागू होते ही इसमें तकनीकी खामियां सामने आ गईं, जो अब तक दूर नहीं की जा सकी हैं। नतीजा यह हुआ कि सरकार का पूरा वित्तीय तंत्र प्रभावित हो गया और बिल भुगतान समेत वेतन जारी करने की प्रक्रिया ठप हो गई।
8.5 लाख से अधिक कर्मचारियों को नहीं मिला वेतन
बिहार में सरकारी कर्मचारियों की भारी तादाद है, जिनमें से करीब 3 लाख क्षेत्रीय कर्मचारी, 5 लाख शिक्षक और 50 हजार संविदा कर्मियों को दिसंबर और जनवरी महीने की सैलरी अब तक नहीं मिली है। इसके अलावा, सचिवालय कर्मचारियों की भी जनवरी की तनख्वाह रुकी हुई है।
वित्त विभाग के वादे फेल, अब तक नहीं मिली राहत
वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने पहले दावा किया था कि यह समस्या 27 जनवरी तक ठीक कर दी जाएगी। हालांकि, सॉफ्टवेयर अपग्रेड वर्जन को धीरे-धीरे रन किया जा रहा है, लेकिन यह अभी भी सुचारू रूप से काम नहीं कर रहा है। इससे सरकारी कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ रही है।
जल्दबाजी में सॉफ्टवेयर लॉन्च, ट्रेनिंग का अभाव
वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि CFMS 2.0 को बिना पूरी तैयारी और प्रशिक्षण के लॉन्च कर दिया गया। सरकारी कर्मचारियों और ट्रेजरी विभाग को इस नए सिस्टम की प्रॉपर ट्रेनिंग नहीं दी गई, जिसके कारण अब यह समस्या गंभीर रूप ले चुकी है।
केंद्र की सख्ती के कारण जल्दबाजी में लॉन्च हुआ CFMS 2.0
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार की सख्ती के कारण बिहार सरकार ने 3 जनवरी को CFMS 2.0 को हड़बड़ी में लॉन्च किया था। केंद्र ने बिहार सरकार को स्पष्ट कर दिया था कि यदि नया सॉफ़्टवेयर वर्जन 31 जनवरी तक लागू नहीं हुआ, तो केंद्र सरकार की ओर से आने वाला फंड रोक दिया जाएगा। इसी दबाव में बिहार सरकार ने नया सॉफ़्टवेयर लॉन्च तो कर दिया, लेकिन सही ढंग से इसे लागू नहीं कर सकी, जिससे लाखों कर्मचारियों की सैलरी और वित्तीय कामकाज ठप पड़ गया।