जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर (PK) ने अपनी पार्टी की फंडिंग पर सवाल उठाने वाले जेडीयू नेताओं को करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि उनकी कमाई उनकी बुद्धि और मां सरस्वती की कृपा से आई है, न कि किसी ठेकेदारी, राजनीति या सरकारी पद के जरिए। PK का यह बयान तब आया है, जब जेडीयू नेताओं ने उनकी पार्टी जन सुराज की आर्थिक स्थिति पर सवाल उठाए थे। सत्तारूढ़ दल ने आरोप लगाया था कि प्रशांत किशोर को इतना पैसा कहां से मिल रहा है, और क्या इसकी कोई पारदर्शिता है?
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PK का सीधा जवाब – “मैंने ठेकेदारी नहीं की, विधायक-सांसद नहीं रहा”
प्रशांत किशोर ने अपने जवाब में दो टूक कहा कि “लोग पूछ रहे हैं कि मेरे पास पैसा कहां से आ रहा है। मैं बताना चाहता हूं कि मैंने न कभी ठेकेदारी की, न कभी विधायक-सांसद बना, न ही किसी सरकारी पद पर रहा। मैं IAS-IPS भी नहीं था। मेरे पास जो कुछ भी है, वह मेरी बुद्धि और मां सरस्वती की कृपा से है। जिस पर सरस्वती जी की कृपा होती है, उसके पास लक्ष्मी जी अपने आप आ जाती हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के बेटे को अपनी मेहनत से कमाई गई दौलत पर गर्व है, क्योंकि यह किसी राजनीतिक विरासत की देन नहीं है।
“बिहार के लड़कों का वोट, ताकत और पैसा – लेकिन फायदा गुजरात के लड़कों को?”
प्रशांत किशोर ने बिहार की राजनीति में एक नई बहस छेड़ते हुए कहा कि “क्या पैसा सिर्फ गुजरात के लड़कों के पास रहेगा? बिहार के लड़कों का वोट, बिहार के लड़कों की ताकत और पैसा गुजरात के लड़कों के पास, ये अब नहीं चलेगा। बिहार के लड़के सिर्फ मजदूरी करने के लिए पैदा नहीं हुए हैं।” उनका यह बयान अप्रत्यक्ष रूप से गुजरात के बिजनेस मॉडल और भाजपा के समर्थन को लेकर एक राजनीतिक तंज माना जा रहा है।
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जन सुराज की फंडिंग पर सवाल क्यों?
जेडीयू नेताओं ने आरोप लगाया था कि जन सुराज को चलाने के लिए बड़े पैमाने पर धनराशि खर्च की जा रही है, और PK को यह पैसा कहां से मिल रहा है, इस पर संदेह जताया जा रहा था।