जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर एक बड़ा दावा किया है। प्रशांत किशोर का दावा है कि उनकी पार्टी में टिकट बंटवारे का फैसला “ऊपर से थोपा” नहीं जाएगा, बल्कि यह अधिकार जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं के हाथ में होगा।
“टॉप-डाउन” vs “बॉटम-अप”: PK का डेमोक्रेटिक ब्लूप्रिंट
प्रशांत किशोर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि “भाजपा में मोदी-शाह, राजद में लालू परिवार और जदयू में नीतीश कुमार जिस तरह ‘अपने लोगों’ को टिकट थोपते हैं, वह लोकतंत्र नहीं, सामंती व्यवस्था है। हमारा मॉडल अलग होगा। उम्मीदवार का चयन तीन स्तर की समिति और पार्टी कार्यकर्ताओं के मूल्यांकन से होगा।”
कैसे काम करेगा PK का “जनता वाला फॉर्मूला”?
जन सुराज के टिकट चयन प्रक्रिया की रूपरेखा समझाते हुए PK ने बताया:
- पहला चरण: जन सुराज से जुड़े स्थानीय कार्यकर्ता और पदाधिकारी उम्मीदवारों की लिस्ट तैयार करेंगे।
- दूसरा चरण: तीन स्तरीय समिति (ब्लॉक, जिला, राज्य) इन नामों का मूल्यांकन करेगी।
- तीसरा चरण: जनता की राय और कार्यकर्ताओं के फीडबैक के आधार पर अंतिम फैसला।
PK ने जोर देकर कहा, “यह प्रक्रिया पारदर्शी होगी। यहां ‘हाईकमान कल्चर’ नहीं, ‘हल्का कमान’ कल्चर होगा।”
PK के इस ऐलान ने पारंपरिक दलों को सीधे निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि “भाजपा में टिकट पर मोदी-शाह की मुहर लगती है। राजद में लालू जी का एक फोन कॉल किसी को विधायक बना देता है। जदयू में नीतीश जी के इशारे पर टिकट बंटता है। क्या यह लोकतंत्र है?”