शनिवार, 15 फरवरी की रात को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुए भयावह भगदड़ हादसे के बाद रेलवे ने भीड़ नियंत्रण को लेकर ऐतिहासिक कदम उठाने का फैसला किया है। इस दुर्घटना ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिसके चलते केंद्र सरकार ने देशभर के 60 सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशनों पर स्थायी होल्डिंग जोन बनाने की घोषणा की है। इसके साथ ही, भीड़ प्रबंधन और संकट नियंत्रण के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
हादसे की भयावह तस्वीर: 18 मौतें, दर्जनों घायल
शनिवार रात करीब 10 बजे, प्लेटफॉर्म नंबर 16 पर तबाही मच गई। महाकुंभ जाने वाले हजारों श्रद्धालु एक ही समय पर ट्रेन पकड़ने के लिए दौड़ पड़े, जिससे फुटओवर ब्रिज पर भारी भीड़ जमा हो गई। एक संकरी सीढ़ी के पास चढ़ने और उतरने वालों के बीच रास्ता जाम हो गया। घबराहट के बीच लोगों ने एक-दूसरे को धक्का देना शुरू कर दिया, और अचानक भगदड़ मच गई। इस हादसे में 18 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि दर्जनों घायल हो गए।
रेलवे का निर्णय – AI और होल्डिंग जोन से भीड़ नियंत्रण!
- 60 रेलवे स्टेशनों पर स्थायी होल्डिंग जोन: रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष होल्डिंग जोन बनाए जाएंगे।
- AI तकनीक से निगरानी: रेलवे अब AI आधारित सिस्टम का उपयोग करेगा, जिससे भीड़ नियंत्रण को रियल-टाइम में मॉनिटर किया जाएगा।
- फुटओवर ब्रिज, प्लेटफॉर्म और प्रवेश द्वारों पर 200 नए CCTV कैमरे लगाए जाएंगे।
- डिवाइडर्स और दिशात्मक संकेतक (तीर के निशान) यात्रियों को सही दिशा में ले जाने में मदद करेंगे।
- प्रयागराज समेत 35 स्टेशनों पर कड़ी निगरानी: खासतौर पर महाकुंभ में जाने वाले यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रयागराज से जुड़े 35 रेलवे स्टेशनों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
- इन स्टेशनों की गतिविधियों को रेलवे के केंद्रीय नियंत्रण कक्ष से मॉनिटर किया जाएगा।