बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर एनडीए सरकार और बीजेपी पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि बीजेपी में सिर्फ एक नहीं, बल्कि चार गुट हैं और पार्टी के अंदर जमीनी स्तर पर कोई तालमेल नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी की राजनीति सिर्फ “डील” पर चलती है, जिसका मकसद केवल सत्ता में बने रहना है, जनता के विकास से इसका कोई लेना-देना नहीं।
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तेजस्वी ने बिहार के पिछड़ेपन को लेकर भी एनडीए सरकार को कटघरे में खड़ा किया और कहा कि राज्य साक्षरता, प्रति व्यक्ति आय, किसानों की स्थिति, बेरोजगारी, पलायन और गरीबी के मामलों में देश में सबसे पीछे है।
“जनता ने बहुत मौके दिए, लेकिन बिहार को मिला सिर्फ धोखा”
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार की जनता एनडीए सरकार को बार-बार मौका देती रही, लेकिन बदले में उसे कुछ नहीं मिला। उन्होंने कहा कि “जब गाड़ी पुरानी हो जाती है, तो धुआं छोड़ने लगती है और प्रदूषण फैलाती है। बिहार की एनडीए सरकार भी अब ऐसी ही हो चुकी है। जनता को बार-बार ठगा गया, लेकिन अब जनता सब देख रही है।”
तेजस्वी ने बिहार के बजट में भी भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार हमेशा बिहार के साथ सौतेला व्यवहार करती आई है।
“2020 में हम जीत चुके थे, बस गड़बड़ी हुई”
तेजस्वी यादव ने दावा किया कि 2020 के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी महागठबंधन ने जीत दर्ज कर ली थी, लेकिन सत्ता में बैठे लोगों ने खेल कर दिया। उन्होंने कहा कि “हम 2020 में चुनाव जीत चुके थे। फेरबदल हुआ, लेकिन अंतर बहुत कम था। जनता हमें पसंद करती है, बिहार को स्थिर सरकार चाहिए। अब जनता किसी को धोखा नहीं देना चाहती, वह बदलाव चाहती है।”
“नीतीश कुमार में दैविक शक्ति? पहले क्या दिखता था जब BJP को लात मारते थे?”
जब पत्रकारों ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष द्वारा दिए गए बयान का जिक्र किया, जिसमें कहा गया था कि “नीतीश कुमार में कोई दैविक शक्ति है”, तो तेजस्वी यादव ने चुटकी लेते हुए कहा कि “पहले क्या दिखता था जब बीजेपी को लात मारते थे? तब तो यही लोग नीतीश जी को कोसते नहीं थकते थे। अब सत्ता में बने रहने के लिए उनके भीतर ‘दैविक शक्ति’ नजर आ रही है। यह बीजेपी की सत्ता लोलुप राजनीति का उदाहरण है।”