रांची: रोज घर में पूजा करना घर के माहोल में सकारात्मक परिवर्तन को लाता है। लेकिन कई बार कुछ चीजो की अनदेखी माहौल खराब भी कर सकता है। बता दें अगर आप रोजाना अपने दिन की शुरुआत घर के मंदिर में पूजा-पाठ के लिए धूप- अगरबत्ती जलाकर करते हैं तो आपको समय रहते अपनी आदत बदल देनी चाहिए। जी हां, ऐसा करके आप अनजाने में आप अपनी सेहत को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचा रहे हैं। अगर आपको यह बात सनकर हैरानी हो रही है तो आपको बता दें, यहां बात पूजा-पाठ की नहीं बल्कि पूजा करने के लिए जलाई जाने वाली धूप और अगरबत्तियों की हो रही है। दरअसल, धूप-अगरबत्ती को जलाने से उठने वाला धु्ंआ आपकी सेहत के लिए कई बड़े खतरे पैदा कर सकता है। कई शोध में यह पाया गया कि अगरबत्ती और धूपबत्ती में इस्तेमाल होने वाले पॉलीएरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (पीएएच) का असर फेफड़ों पर बहुत बुरा पड़ता है। आइए जानते हैं धार्मिक अनुष्ठानों और पूजा घरों में यूज की जाने वाली धूप- अगरबत्ती सेहत को क्या नुकसान पहुंचाती हैं।
फेफड़ों पर बुरा असर
अगरबत्ती के धुएं में मौजूद केमिकल फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं। कई शोध बताते हैं कि अगरबत्ती और धूप में इस्तेमाल होने वाले पॉली एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (पीएएच) का बुरा असर फेफड़ों पर पड़ता है। इनसे निकलने वाला धुआं शरीर की कोशिकाओं पर बुरा असर डालता है और यह सिगरेट के धुएं से भी ज्यादा जहरीला होता है। बता दें, अगरबत्ती के धुएं में मौजूद केमिकल से फेफड़ों की झिल्लियों में संक्रमण हो सकता है। इसके धुंए में लगातार रहने से फेफड़ों की कोशिकाओं में सूजन आ सकती है।
स्किन एलर्जी
लंबे समय तक धूप और अगरबत्ती का उपयोग करने से आंखों और त्वचा से जुड़ी एलर्जी हो सकती है। इन चीजों को जलाने से निकलने वाला धुआं आंखों में जलन पैदा करता है। जबकि संवेदनशील त्वचा वाले लोगों को इस धुएं के संपर्क में आते ही त्वचा में खुजली महसूस हो सकती है।
अत्यधिक सुगंध से स्वास्थ्य पर बुरा असर
अगरबत्ती में डाले जाने वाले अत्यधिक सुगंध इत्र के कारण स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। माईग्रेन अस्थमा के रोगियों के लिए ये खतरनाक हो सकती है इस लिए आपको अगरबत्ती का प्रयोग सावधानी से करना चाहिए।