बिहार विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। रिपोर्ट में खेती, बागवानी, सिंचाई, कृषि यंत्रीकरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास को लेकर कई सकारात्मक आंकड़े पेश किए गए।
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बिहार की कृषि में लगातार बदलाव हो रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, धान का उत्पादन 21% और गेहूं का 10.7% बढ़ा, जबकि मक्का का उत्पादन 66.6% तक उछल गया। वहीं बिहार देश में मखाना उत्पादन का 85% करता है और राज्य में आम और लीची की खेती भी बढ़ रही है। आम का उत्पादन 9.7% और लीची का 11.7% बढ़ा है।
राज्य में 2018-19 से 2022-23 के बीच दूध का उत्पादन 27.3% और अंडों का 85.7% बढ़ा है। मछली उत्पादन भी 45% तक बढ़ा है। रिपोर्ट के अनुसार 2023-24 में कृषि यंत्रीकरण के लिए 119 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए, जिसमें से केंद्र सरकार ने 60% और राज्य सरकार ने 40% योगदान दिया। सिंचाई को लेकर ‘सात निश्चय-2’ योजना के तहत 308.73 करोड़ रुपये से 707 योजनाएं पूरी की गईं, जिससे 1 लाख हेक्टेयर से ज्यादा जमीन को सिंचाई का लाभ मिला।
वहीं किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत 2019-20 में जहां 3204 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया था, वह 2023-24 में बढ़कर 7080 करोड़ रुपये हो गया। वहीं, 6.3 लाख किसानों को डीजल सब्सिडी में 102.93 करोड़ रुपये का लाभ मिला।
बिहार सरकार ने 2023-24 में जल-जीवन-हरियाली योजना के तहत 2,377 योजनाओं में से 2,182 पूरी की, जिससे 2.2 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता बढ़ी। जलवायु-अनुकूल कृषि कार्यक्रम के लिए 238.49 करोड़ रुपये आबंटित किए गए, जो 2020-21 से 2024-25 तक बिहार के 30 जिलों में लागू किया जा रहा है।