बिहार के शहरों का भविष्य बदलने वाला है! जल्द ही राज्य के 25 प्रमुख शहरों का मास्टर प्लान तैयार हो जाएगा। यह कोई साधारण योजना नहीं, बल्कि अत्याधुनिक GIS (भौगोलिक सूचना प्रणाली) तकनीक से सुसज्जित होगी, जिससे शहरों का विकास योजनाबद्ध और वैज्ञानिक तरीके से किया जाएगा। नगर विकास एवं आवास विभाग ने इस दिशा में अपनी रफ्तार तेज कर दी है और संबंधित एजेंसियों को तेजी से काम पूरा करने का निर्देश दिया गया है।
बिहार के 50 शहरों में सुनियोजित विकास की ओर कदम
राज्य सरकार ने 44 शहरों को आयोजना क्षेत्र के रूप में अधिसूचित किया है, जिनमें से पटना का मास्टर प्लान पहले ही तैयार हो चुका है। अब 25 अधिसूचित आयोजना क्षेत्रों का मास्टर प्लान विकसित किया जा रहा है, जिसमें आरा, बक्सर, गया, बोधगया, राजगीर, मुजफ्फरपुर, बिहारशरीफ, सहरसा, पूर्णिया, छपरा, दरभंगा, मुंगेर, बेगूसराय, किशनगंज, कटिहार, सासाराम, डेहरी, मोतिहारी, औरंगाबाद, सीवान, बेतिया, बगहा, भागलपुर, हाजीपुर और जहानाबाद जैसे प्रमुख शहर शामिल हैं।
राज्य सरकार की योजना के अनुसार, सभी जिला मुख्यालयों के अलावा एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों और अन्य महत्वपूर्ण शहरों के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जाना है। कुल 50 शहरों को इस योजना में शामिल किया गया है, जिनमें से 16 शहरों में आयोजन क्षेत्र का गठन हो चुका है।
मास्टर प्लान का मुख्य उद्देश्य इन शहरों का सुनियोजित और आधुनिक विकास करना है। इसके लागू होने से:
- अव्यवस्थित शहरीकरण पर रोक लगेगी
- सड़कों, यातायात, जल निकासी और हरे भरे क्षेत्रों का बेहतर प्रबंधन होगा
- आवासीय और व्यावसायिक इलाकों का संतुलित विकास होगा
- भू-उपयोग योजनाओं के अनुसार नए निर्माण होंगे
- नगर निकायों की संपत्ति और राजस्व में वृद्धि होगी
GIS तकनीक से होगा स्मार्ट प्लानिंग का आगाज
GIS आधारित मास्टर प्लान बनाने का काम कई चरणों में हो रहा है। यह एक डिजिटल तकनीक है, जो किसी भी क्षेत्र का भौगोलिक विश्लेषण कर उसकी जरूरतों के अनुसार योजना तैयार करती है। इससे भविष्य में होने वाले निर्माण कार्यों, सड़कों, जल निकासी व्यवस्था, हरित क्षेत्र, उद्योगों और आवासीय क्षेत्रों का स्पष्ट नक्शा तैयार किया जा सकेगा।
विभाग की ओर से 82 सहायक नगर योजना सुपरवाइजरों की नियुक्ति के बाद इस कार्य में तेजी आई है। इससे 26 नगर परिषदों के लिए GIS आधारित मानचित्र तैयार किया जाएगा, जिसमें संपत्ति सर्वे भी शामिल होगा। इसका मुख्य उद्देश्य नगर निकायों के राजस्व में वृद्धि करना और शहरों का डिजिटल डाटा तैयार करना है।
बिहार को मिलेगा स्मार्ट शहरों का तोहफा
राज्य सरकार बिहार को आधुनिक और सुनियोजित शहरी विकास की दिशा में ले जा रही है। मास्टर प्लान के लागू होने के बाद इन शहरों का विस्तार भी होगा और इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत बनेगा। 29 शहरों में GIS आधारित मानचित्रण का कार्य पूरा हो चुका है, जबकि 28 अन्य शहरों में यह काम चल रहा है। 15 शहरों में संपत्ति सर्वे भी प्रगति पर है।