बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। एनडीए गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर जारी चर्चाओं के बीच एनसीपी (अजीत पवार गुट) ने बड़ा बयान दिया है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बज्रमोहन श्रीवास्तव ने रविवार को पटना में हुई प्रदेश कार्यकारिणी बैठक के दौरान स्पष्ट संकेत दिए कि अगर उन्हें सम्मानजनक समझौता नहीं मिला, तो वे बिहार की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।
गठबंधन धर्म पर जोर, मगर समझौता जरूरी!
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए बज्रमोहन श्रीवास्तव ने कहा कि एनसीपी (अजीत पवार गुट) एनडीए का हिस्सा है और गठबंधन धर्म निभाने के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन अगर उन्हें उचित सीटें नहीं मिलीं, तो पार्टी को सभी सीटों पर चुनाव लड़ने से पीछे नहीं हटना चाहिए।
बैठक में मौजूद राष्ट्रीय सचिव सच्चिदानंद सिंह ने पार्टी की भविष्य की रणनीति को साझा करते हुए कहा कि बिहार में भी महाराष्ट्र मॉडल लागू किया जाएगा। पार्टी राज्य में अपने नेता अजीत पवार और प्रफुल्ल पटेल के कार्यों को आधार बनाकर जनता से वोट मांगेगी। उन्होंने यह भी बताया कि तकनीकी कारणों से पार्टी का पटना स्थित कार्यालय छिन गया है, लेकिन जल्द ही एक नया कार्यालय खोला जाएगा।
243 विधानसभा सीटों पर मजबूत पकड़ बनाने की योजना
पार्टी के प्रदेश संयोजक सूर्यकांत कुमार सिंह ने घोषणा की कि पूरे बिहार में सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है। पंचायत स्तर तक संगठन को मजबूत करने के लिए कार्य किया जा रहा है और 243 विधानसभा सीटों पर पार्टी को मजबूती दी जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी उन्हीं नेताओं को टिकट देगी जो चुनाव लड़ने के योग्य होंगे और जनता के बीच प्रभाव रखते होंगे।
जनता से सीधे जुड़ने की रणनीति
पार्टी के प्रदेश महासचिव सह मीडिया प्रभारी रंजन प्रियदर्शी ने बताया कि एनसीपी (अजीत पवार गुट) बिहार में अपने नेताओं के सिद्धांतों पर काम करेगी और जनता से सीधा जुड़ने का प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि बिहार में पार्टी की जमीनी पकड़ मजबूत करने के लिए विभिन्न स्तरों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
इस बैठक में प्रदेश के कई प्रमुख नेता शामिल हुए, जिनमें अनिल सिंह, जयप्रकाश, पंकज कुमार, विशाल कुमार, अतुल्य गुंजन, सौरभ चंद्रा, अरविंद कुमार, डॉ. एस भारती, रंजन सिंह, मनोज कुमार सहित बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता मौजूद रहे।