बिहार विधानसभा के बजट सत्र में मंगलवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी मगर दिलचस्प नोंकझोंक देखने को मिली। सत्र की कार्यवाही शुरू होते ही राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के विधायक ललित यादव ने सत्ता पक्ष पर निशाना साधते हुए दावा किया कि “आज सरकार गिर सकती है, क्योंकि सदन में सत्ताधारी विधायकों की संख्या कम है!”
उनकी इस टिप्पणी पर जेडीयू के मंत्री विजय चौधरी ने तुरंत पलटवार करते हुए कहा कि “हमारे चाहने वाले तो उधर (विपक्ष) भी बैठे हैं!”
इस बयान पर सदन में ठहाके गूंज उठे, और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, स्पीकर नंद किशोर यादव समेत तमाम विधायक हंसने लगे। सत्ता पक्ष के इस जवाब ने विपक्ष के वार को हल्के-फुल्के अंदाज में काट दिया, मगर इसके राजनीतिक निहितार्थ भी गहरे थे।
बिहार विधानसभा में हंगामा: विपक्ष का बजट पर हमला, सरकार ने किया पलटवार
स्पीकर की टिप्पणी: “कौन किधर चला जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता!”
विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव भी इस दिलचस्प बहस में कूद पड़े। उन्होंने विपक्षी विधायकों की ओर देखकर मुस्कुराते हुए कहा कि “राजनीति में कौन किधर चला जाए, यह कभी नहीं कहा जा सकता!”
इस टिप्पणी ने सदन के माहौल को और हल्का बना दिया, मगर इसके पीछे सत्ता पक्ष का गहरा आत्मविश्वास भी झलक रहा था।
विपक्ष का हंगामा, कार्य स्थगन प्रस्ताव नामंजूर
विपक्ष ने इस दौरान कार्य स्थगन प्रस्ताव रखने की कोशिश की, मगर स्पीकर नंद किशोर यादव ने इसे खारिज कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्यपाल के अभिभाषण पर सरकार का उत्तर देने का कार्यक्रम पहले से तय था, इसलिए कार्य स्थगन प्रस्ताव नियमों के अनुरूप नहीं है।
तंज और राजनीति के संकेत
यह नोकझोंक केवल हल्के-फुल्के तंज तक सीमित नहीं थी, बल्कि इसके राजनीतिक संकेत भी स्पष्ट थे। विपक्ष सरकार को अस्थिर दिखाने की कोशिश कर रहा था, जबकि सत्ता पक्ष आत्मविश्वास से भरा हुआ नजर आया। विजय चौधरी का बयान यह बताने के लिए काफी था कि सत्ता पक्ष को अपने संख्याबल पर पूरा भरोसा है और विपक्ष की कोशिशों से उसे कोई फर्क नहीं पड़ता।
बिहार की राजनीति में इस तरह की हास्य-व्यंग्य से भरी तीखी बहसें नई नहीं हैं, मगर ये अक्सर बड़े राजनीतिक संकेत छोड़ जाती हैं। देखना दिलचस्प होगा कि आगे इस सत्र में सत्ता-विपक्ष के बीच कौन सा नया मोड़ आता है!