बिहार विधानसभा के बजट सत्र में मंगलवार का दिन राजनीतिक हमलों और तंजों से भरा रहा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। सदन में चर्चा के दौरान दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर जमकर शब्दबाण चलाए।
सदन में तेजस्वी यादव का ज़बरदस्त भाषण.. सत्ता पक्ष की बोलती कर दी बंद
चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि 2005 के पहले बिहार में कुछ भी नहीं था—न सड़कें थीं, न विकास। उन्होंने दावा किया कि उनके मुख्यमंत्री बनने से पहले हिंदू-मुस्लिम दंगे होते थे और लोग शाम होते ही घरों में कैद हो जाते थे। उन्होंने कहा, “पहली बार हमने कब्रिस्तानों की घेराबंदी करवाई ताकि विवाद न हो।”
मुख्यमंत्री ने तेजस्वी यादव को सीधे निशाने पर लेते हुए कहा, “आप लोग कुछ नहीं जानते हैं, बस बोलते रहते हैं।” उन्होंने विपक्ष को यह भी याद दिलाया कि जब उन्होंने सत्ता संभाली, तो बिहार में बुनियादी ढांचे में सुधार लाने का काम किया गया।
तेजस्वी का पलटवार: “सबकुछ जाए भाड़ में, अपन कुर्सी के जुगाड़ में!”
मुख्यमंत्री के बयान का जवाब देने में तेजस्वी यादव भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने नीतीश कुमार की राजनीतिक चालों पर कटाक्ष करते हुए कहा, “सबकुछ जाए भाड़ में, अपन कुर्सी के जुगाड़ में!” तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर केंद्र सरकार के सामने घुटने टेकने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “2005 के पहले कोई मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री के पैरों में नहीं गिरता था। अगर गिरगिराता तो पटना यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा मिल जाता!”
तेजस्वी ने नीतीश सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा, “बिहार में चूहों की बहार है, क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। यहां 9 लाख लीटर शराब चूहे पी जाते हैं।” उन्होंने अपने शायराना अंदाज में कहा—
“2005 से पहले न चांद था, न तारा, न सूरज था,
बोलते हैं 2005 से पहले कुछ नहीं था!”
“लालू जी का बिहार बनाम नीतीश का बिहार”
तेजस्वी ने कहा कि 2005 से पहले बिहार में बहुत कुछ था, लेकिन नीतीश सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए लालू यादव के दौर को कोसती रहती है। उन्होंने कहा, “लालू जी ने पिछड़ों और दलितों को ताकत दी। उनकी सरकार ने गरीबों के लिए मकान बनाए, बाजार विकसित किए। आज भी लोग उन्हीं अस्पतालों में इलाज कराते हैं जो लालू जी के दौर में बने थे।”
तेजस्वी ने बिहार में पुलों के गिरने, बालिका गृह कांड और भ्रष्टाचार को लेकर भी नीतीश सरकार को घेरा। उन्होंने तंज कसते हुए कहा—
“सरकार खटारा, सिस्टम नकारा,
सीएम थका-हारा, जनता मारा-मारा!”
बिहार की राजनीति में टकराव तेज
बिहार विधानसभा में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच हुई इस तीखी बहस ने एक बार फिर यह साफ कर दिया कि 2025 के चुनाव से पहले बिहार की राजनीति में गर्मी और बढ़ेगी। जहां एक ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने 20 साल के कामकाज को गिनाने में लगे हैं, वहीं तेजस्वी यादव इसे नाकामी करार देकर जनता को एक नया विकल्प देने का दावा कर रहे हैं।