बिहार विधान परिषद में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि लालू यादव के शासन में महिलाओं के लिए कोई विशेष काम नहीं किया गया, बल्कि सत्ता छोड़ते समय उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बना दिया, लेकिन अन्य महिलाओं के लिए कोई ठोस योजना लागू नहीं की।
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महिलाओं को पहले नहीं थी कोई सुविधा
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि उनके शासनकाल में महिलाओं को कई सुविधाएं दी गई हैं, जो पहले उपलब्ध नहीं थीं। उन्होंने बताया कि जब वे प्रगति यात्रा पर थे, तो उन्होंने देखा कि आज महिलाएं समाज में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने बिहार पुलिस में महिलाओं की भागीदारी पर भी जोर दिया और बताया कि 2016 में उनकी सरकार ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की थी।
महिलाओं के विकास के लिए उठाए गए कदम
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब वे केंद्र सरकार में थे, तो उन्होंने विभिन्न राज्यों में स्वयं सहायता समूहों में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी देखी, लेकिन बिहार में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी। इसी को देखते हुए 2006 में विश्व बैंक से कर्ज लेकर बिहार में स्वयं सहायता समूहों का विकास किया गया, जिसे ‘जीविका’ का नाम दिया गया।
महिलाओं की भागीदारी और रोजगार
नीतीश कुमार ने बताया कि वर्तमान में बिहार में स्वयं सहायता समूहों में 10 लाख 63 हजार महिलाएं जुड़ी हुई हैं, जबकि ‘जीविका दीदी’ की संख्या 1 करोड़ 31 लाख तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ग्रामीण इलाकों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी जीविका दीदियों का विस्तार कर रही है।
सरकारी नौकरियों और रोजगार पर जोर
मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की रोजगार योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि अब तक 9 लाख 26 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी मिल चुकी है और चुनाव से पहले यह संख्या 12 लाख तक पहुंच जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में रोजगार के अवसर 24 लाख तक बढ़ चुके हैं और आगामी चुनाव से पहले यह संख्या 38 लाख तक पहुंचाने का लक्ष्य है।