बिहार विधान परिषद में सदस्यता बहाल होने के बाद राजद के एमएलसी सुनील सिंह आज फिर से सदन पहुंचे। अपने पुराने तेवर में नजर आए सुनील सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए राज्य सरकार पर तानाशाही का गंभीर आरोप लगाया। सुनील सिंह ने अपनी वापसी को सिर्फ अपनी व्यक्तिगत जीत नहीं, बल्कि राजद के लाखों कार्यकर्ताओं की जीत बताया।
तानाशाही का आरोप: “मैं हिटलर शाही का शिकार रहा”
सुनील सिंह ने विधान परिषद में प्रवेश करते ही विक्ट्री साइन दिखाया और कहा कि यह उनके लिए ही नहीं, बल्कि उनके समर्थकों और राजद कार्यकर्ताओं के लिए एक बड़ी जीत है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने उन्हें तानाशाही के तहत नकारा किया था और उन्होंने खुद को हिटलर शाही का शिकार बताया।
सुनील सिंह ने कहा, “उच्चतम न्यायालय ने सही निर्णय दिया है। अब दूध का दूध और पानी का पानी हो चुका है। जिस तरीके से मुझे और मेरे जैसे लोगों को लोकतांत्रिक तरीके से शिकार बनाया गया, वह अब सबके सामने है।”
तेजस्वी और लालू यादव का हवाला
अपनी सदस्यता बहाल होने पर सुनील सिंह ने कहा, “जो सरकार तेजस्वी यादव और लालू यादव को नहीं डरा सकी, वह मुझे कैसे डरा सकती है?” सुनील सिंह ने अपनी वापसी को एक साहसिक कदम माना और कहा कि यह न सिर्फ उनके लिए बल्कि पूरे राजद के लिए बड़ी जीत है। उनका आत्मविश्वास देखते ही बनता था। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी और वह किसी भी प्रकार की तानाशाही से डरने वाले नहीं हैं।