संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में दो भारतीय नागरिकों को हत्या के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस सजा की पुष्टि की है। इस मामले से पहले, उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की शहजादी खान को भी आबूधाबी की कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। जो दो भारतीयों को फांसी की सजा सुनाई गई है, वे दोनों केरल के निवासी हैं। विदेश मंत्रालय ने इन दोनों युवकों के नाम मोहम्मद रिनाश अरंगीलोट्टू और मुरलीधरन पेरुमथट्टा वलाप्पिल के रूप में घोषित किए हैं। रिनाश अल ट्रैवल एजेंसी में काम करता था, जबकि मुरलीधरन के बारे में अधिक जानकारी सामने नहीं आई है।
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UAE के अधिकारियों ने भारतीय दूतावास को 28 फरवरी को सूचित किया था कि मोहम्मद रिनाश ने एक UAE नागरिक की हत्या की थी, वहीं मुरलीधरन को भारतीय नागरिक की हत्या के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों के परिवारों को इस फैसले के बारे में सूचित कर दिया गया है। इसके अलावा, भारतीय दूतावास ने दया याचिका दायर कर क्षमादान की मांग की थी, लेकिन UAE की सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए मौत की सजा को बरकरार रखा। मंत्रालय ने पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की है और उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए आवश्यक प्रबंध किए गए हैं।
अब तक 29 भारतीयों को मौत की सजा
विदेशों में भारतीय नागरिकों को मौत की सजा देने के मामले में UAE सबसे आगे है। 13 फरवरी को राज्यसभा में विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, अब तक 29 भारतीयों को यहां मौत की सजा सुनाई जा चुकी है। शहजादी खान और केरल के दो युवकों को सजा सुनाए जाने के बाद यह संख्या अब 31 हो गई है। 15 फरवरी को शहजादी खान को आबूधाबी में फांसी की सजा दी गई थी। वह एक केयर टेकर के रूप में कार्यरत थी, लेकिन एक बच्चे की मौत के बाद उसके परिवार ने उस पर हत्या का आरोप लगाया था। शहजादी को पिछले दो वर्षों से दुबई जेल में बंद किया गया था, और चार माह पहले उसे फांसी की सजा सुनाई गई थी। 5 मार्च को उसके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की गई।