भारतीय प्रीमियर लीग (IPL) के पूर्व कमिश्नर और भगोड़े व्यापारी ललित मोदी के लिए एक और झटका, वानुअतु सरकार ने उनकी नागरिकता रद्द करने का आदेश दिया है। वानुअतु के प्रधानमंत्री जोथम नापाट ने नागरिकता आयोग को आदेश दिया है कि वह ललित मोदी को जारी किया गया पासपोर्ट रद्द कर दे। यह निर्णय वानुअतु डेली पोस्ट की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया, जिसमें दावा किया गया था कि ललित मोदी भारत में प्रत्यर्पण से बचने की कोशिश कर रहे हैं।
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प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के बयान के मुताबिक, इंटरपोल ने ललित मोदी के खिलाफ दो बार अलर्ट जारी करने से मना कर दिया था, जिसके कारण उनके पासपोर्ट आवेदन को रिजेक्ट नहीं किया गया था। हालांकि, उनके बैकग्राउंड की जांच के बाद भी उन्हें किसी अपराध में दोषी नहीं पाया गया।
वानुअतु की नागरिकता लेने के बाद, ललित मोदी ने भारतीय पासपोर्ट को सरेंडर करने के लिए आवेदन किया था। विदेश मंत्रालय ने 7 मार्च को जानकारी दी थी कि ललित मोदी ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में अपना पासपोर्ट जमा किया था। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया, “ललित मोदी ने वानुअतु की नागरिकता ले ली है। हम उनके खिलाफ मामले को कानून के अनुसार आगे बढ़ाते रहेंगे।”
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ललित मोदी को 2010 में आईपीएल के भ्रष्टाचार मामले में घसीटा गया था, और तब से वह देश से बाहर हैं। उनके खिलाफ कई आरोप हैं, जिसमें कर चोरी, मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य वित्तीय धोखाधड़ी के आरोप शामिल हैं। भारत सरकार ने उन्हें भगोड़ा घोषित किया है और उनके प्रत्यर्पण की कोशिशें जारी हैं। ललित मोदी की नागरिकता रद्द होने से उनके लिए वानुअतु में रहना मुश्किल हो सकता है। इस निर्णय से भारत और वानुअतु के बीच बढ़ते रिश्तों पर भी सवाल उठने लगे हैं, खासकर जब बात प्रत्यर्पण के मामले की हो।