बिहार विधानसभा के बजट सत्र 2025 में मंगलवार को राज्य की खनन नीति और शिक्षा सुधारों को लेकर बड़ी घोषणाएं हुईं। उपमुख्यमंत्री सह खनन मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने ‘बालू मित्र पोर्टल’ की शुरुआत करने की घोषणा की, जिससे बालू आपूर्ति को पारदर्शी और सुगम बनाया जाएगा। वहीं, शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने शैक्षणिक अकादमियों के एकीकरण और नई भर्ती प्रक्रिया को लेकर महत्वपूर्ण बातें कहीं।
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बालू मित्र पोर्टल: अब तय दाम पर घर बैठे मिलेगी रेत!
खनन मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने विधानसभा में खनन विभाग से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि सरकार ‘बालू मित्र पोर्टल’ की शुरुआत करने जा रही है। इसका उद्देश्य दोहरा होगा—
- लोगों को सही दर पर बालू की उपलब्धता सुनिश्चित कराना
- अवैध खनन और काला बाजारी पर लगाम लगाना
बालू मित्र पोर्टल के तहत उपभोक्ता सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर बालू की खरीद ऑनलाइन कर सकेंगे और डिजिटल भुगतान भी कर पाएंगे। इससे उन लाखों लोगों को राहत मिलेगी जो घर बनाने के लिए बालू की कालाबाजारी और ऊंची कीमतों से परेशान थे।
दरअसल, बिहार में अवैध बालू खनन और तस्करी एक गंभीर समस्या बन चुकी है। सरकार ने पहले भी कई बार इस पर नकेल कसने की कोशिश की, लेकिन माफियाओं के मजबूत नेटवर्क के आगे प्रशासन बेबस दिखा। अब बालू मित्र पोर्टल के जरिए डिजिटल ट्रैकिंग होगी, जिससे इस गोरखधंधे पर लगाम लगाने की उम्मीद जताई जा रही है।
शिक्षा मंत्री की घोषणा: अकादमियों का होगा एकीकरण, एसएससी से होंगी भर्तियां
विधानसभा में शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने भी एक बड़ी घोषणा की। उन्होंने बताया कि बिहार की विभिन्न अकादमियों को एकीकृत किया जाएगा और इनके लिए नई भर्ती प्रक्रिया एसएससी (SSC) के माध्यम से होगी।
इसमें बिहारी हिंदी ग्रंथ अकादमी, मैथिली, मगही, भोजपुरी और संस्कृत सहित अन्य अकादमियां शामिल होंगी। वर्षों से उपेक्षित इन संस्थानों को पुनर्जीवित करने की योजना बनाई गई है, जिससे बिहार की स्थानीय भाषाओं और साहित्य को बढ़ावा मिलेगा।
शिक्षा मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि अप्रैल 2025 से नई नियमावली के तहत नैक (NAAC) मान्यता दी जाएगी। इसके तहत एफिलिएटेड और नॉन-एफिलिएटेड यूनिवर्सिटीज को मान्यता दी जाएगी, जिससे उच्च शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता और पारदर्शिता बढ़ेगी।