लोकसभा का बजट सत्र अक्सर राजनीतिक बयानबाजी और गरमा-गरमी के लिए जाना जाता है, लेकिन इस बार माहौल कुछ ज्यादा ही तीखा हो गया। तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद कीर्ति आजाद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के बीच जबरदस्त बहस छिड़ गई, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी।
Budget Session : सदन के बाहर विपक्ष का हंगामा.. अंदर बोलने नहीं दिया गया !
महंगाई पर चर्चा, लेकिन मुद्दा बदल गया
दरअसल, कीर्ति आजाद लोकसभा में महंगाई पर सरकार को घेर रहे थे, तभी गिरिराज सिंह ने बीच में टोकाटाकी कर दी। इस पर कीर्ति आजाद भड़क उठे और व्यक्तिगत हमला करते हुए बोले कि “ये MLC बनने के लिए मेरे घर के चक्कर काटते थे, मेरे घर में बैठे रहते थे!” कीर्ति आजाद यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा कि गिरिराज सिंह बात करने की तमीज नहीं रखते और बड़ों से कैसे बात की जाती है, यह भी नहीं जानते। उन्होंने कहा कि “मैं ‘आप-आप’ कर रहा हूं और ये ‘तुम-तुम’ कर रहे हैं। भगवान भी इनका कुछ नहीं कर सकते!”
उनकी इस टिप्पणी से सदन में भारी शोरगुल मच गया और राजनीतिक बयानबाजियों का नया सिलसिला शुरू हो गया।
गिरिराज सिंह पर पहले भी उठा चुके हैं सवाल
यह कोई पहला मौका नहीं है जब कीर्ति आजाद ने किसी बड़े नेता पर हमला बोला हो। इससे पहले भी उन्होंने बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। उन्होंने डीडीसीए (दिल्ली डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन) घोटाले का मुद्दा उठाकर अरुण जेटली पर निशाना साधा था। कीर्ति आजाद ने तब कहा था कि “अरुण जेटली मेरे बरामदे में बैठे रहते थे!” हालांकि, इस लड़ाई का असल कारण क्रिकेट से जुड़ा था, क्योंकि अरुण जेटली डीडीसीए में प्रभावशाली पद पर थे और कीर्ति आजाद 1983 क्रिकेट वर्ल्ड कप विजेता टीम का हिस्सा रह चुके थे।
क्या वाकई गिरिराज सिंह को कीर्ति आजाद ने एमएलसी बनवाया?
कीर्ति आजाद के इस दावे के बाद बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ कि क्या वाकई गिरिराज सिंह उनके घर के चक्कर काटते थे? दरअसल, गिरिराज सिंह को एमएलसी बनाने में सुशील मोदी, नंद किशोर यादव और बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की अहम भूमिका थी। हालांकि, यह सच है कि गिरिराज सिंह उस समय बिहार की राजनीति में नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहे थे और उन्हें भूमिहार समाज से प्रतिनिधित्व मिला था।