पटना : बिहार की राजनीति में बदलाव की लहर तेज हो गई है। प्रशांत किशोर का कहना है कि नवंबर के बाद किसी भी परिस्थिति में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे। जनता अब बदलाव चाहती है और जन सुराज इसी सोच को हर घर तक पहुंचाने में जुटा है। प्रशांत किशोर का दावा है कि बिहार के लोग अब मजबूरी में वोट नहीं देंगे, क्योंकि अगले छह महीनों में उन्हें एक नया राजनीतिक विकल्प मिलेगा।
पहले जनता जेडीयू, भाजपा या राजद के बीच उलझी रहती थी, लेकिन अब वे विकास, रोजगार और शिक्षा जैसे मुद्दों को ध्यान में रखकर निर्णय लेंगे। अगर एनडीए सत्ता में आता है, तो भाजपा अपने मुख्यमंत्री का चेहरा लाएगी। अगर एनडीए हारता है, तब भी नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे। इसका मतलब साफ है कि बिहार की राजनीति में एक नया चेहरा ही मुख्यमंत्री बनेगा।
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि बदलाव का वाहक कौन बनेगा? जनता किसे अपना नेता चुनेगी? चुनाव नतीजे कुछ भी हों, लेकिन एक बात तय है—नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे।