बिहार विधानपरिषद में कल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी में जबरदस्त भिड़ंत हो गई। राबड़ी देवी नीतीश कुमार पर भड़की हुई हैं. उन पर महिलाओं के अपमान के आरोप लगा रही हैं और इसलिए विधानसभा के बाहर नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। राबड़ी देवी के अपमान पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी सीएम नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा और इस्तीफे की मांग तक कर डाली है। अब राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने भी नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
‘किसी भी परिस्थिति में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे यह तय है’
रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर नीतीश कुमार को मानसिक रोगी बता दिया है। उन्होंने लिखा कि मानसिक अवसाद, दिमागी बीमारी, वैचारिक कुंठा से ग्रस्त मुख्यमंत्री के हाथों में बिहार है। ऐसे व्यक्ति से मर्यादित वक्तव्यों-बयानों की उम्मीद बेमानी है।
ऐसा नहीं कि जारी बजट-सत्र में माननीय पूर्व-मुख्यमंत्री श्रीमती राबड़ी देवी जी व विपक्ष की अन्य माननीय महिला विधायकों-विधान पार्षदों के साथ जारी बहस के दौरान मुख्यमंत्री के द्वारा भाषाई सीमा लांघने, की गयी बदजुबानी की घटना पहली है। महिलाओं के प्रति मुख्यमंत्री आदतन कुंठा ग्रस्त रहे हैं और पूर्व में भी दर्जनों दफा महिलाओं को सन्दर्भ में रख कर उनके/इनके द्वारा की गयीं अमर्यादित टिप्पणियों-बयानों की लिस्ट बड़ी लम्बी है। सदन में, सार्वजनिक मंचों से दिए गए मुख्यमंत्री क़े कई बयान-वक्तव्य तो ऐसे रहे हैं, जिनकी इजाजत सभ्य-समाज नहीं देता है।
राबड़ी देवी ने नीतीश कुमार को कहा भंगेड़ी.. बोली- भांग पीकर आते हैं अंट शंट बोलते हैं
महिलाओं के प्रति ओछी सोच रखने वाले ऐसे मुख्यमंत्री से बिहार की महिलाओं की बेहतरी, सुरक्षा, सम्मान की उम्मीद रखना बिल्ली से दूध की रखवाली की उम्मीद रखने-करने जैसा है। वैसे भी महिलाओं के सन्दर्भ में मुख्यमंत्री जी का व्यक्तिगत व सार्वजनिक जीवन अनेकों तरह की चर्चाओं से जुड़ा रहा है, विरोधाभासी चरित्र रहा है मुख्यमंत्री महोदय का। कहने-दिखाने को कुछ और करने को कुछ और।