बिहार में हवाई सफर का विस्तार तेज़ी से हो रहा है। पटना, गया और दरभंगा के बाद अब पूर्णिया हवाई अड्डा राज्य का चौथा ऑपरेशनल एयरपोर्ट बनने जा रहा है। सरकार इस प्रोजेक्ट को 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले पूरा करने की तैयारी में जुटी है। सीमांचल क्षेत्र के लोगों के लिए यह एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा, जिससे वे देशभर से हवाई मार्ग से जुड़ जाएंगे।
कहां तक पहुंचा एयरपोर्ट का काम?
पूर्णिया एयरपोर्ट का निर्माण कार्य जोरों पर है। डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने बजट सत्र में ऐलान किया था कि अगले तीन महीने में यहां से विमान उड़ान भरने लगेंगे, यानी जून-जुलाई 2025 तक पूर्णिया एयरपोर्ट चालू हो सकता है। हालाँकि, अभी टर्मिनल भवन और अन्य सुविधाओं पर काम जारी है।
45 करोड़ से बन रहा टर्मिनल, 31 नंबर हाईवे से होगा सीधा कनेक्शन
पूर्णिया एयरपोर्ट के अंतरिम टर्मिनल भवन के निर्माण के लिए 45 करोड़ रुपये की योजना थी, लेकिन फरवरी में यह टेंडर 33 करोड़ रुपये में फाइनल हुआ। एयरपोर्ट को नेशनल हाईवे-31 से जोड़ने के लिए फोरलेन सड़क का निर्माण भी शुरू हो चुका है। इसके अलावा एप्रन, टैक्सीवे और अन्य आवश्यक सुविधाओं के लिए टेंडर अवार्डिंग अंतिम चरण में है।
बिहार में एयर ट्रांसपोर्ट को मिलेंगे नए पंख
पूर्णिया एयरपोर्ट के बाद बिहार में हवाई सेवाओं के विस्तार की बड़ी योजना बनाई जा रही है।
- बिहटा में बनेगा नया इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जिसका अगले महीने प्रधानमंत्री मोदी शिलान्यास कर सकते हैं।
- राजगीर, रक्सौल और सुल्तानगंज में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट विकसित किए जाएंगे।
- वाल्मीकिनगर, सुपौल, मधुबनी, सहरसा, मुजफ्फरपुर, भागलपुर और मुंगेर में छोटे एयरपोर्ट बनाए जाएंगे, जहां 19 सीटर छोटे विमान उतर सकेंगे।
पूर्णिया एयरपोर्ट से किन्हें होगा फायदा?
पूर्णिया एयरपोर्ट चालू होने के बाद सिर्फ बिहार ही नहीं, बल्कि पश्चिम बंगाल और नेपाल के सीमावर्ती इलाकों के लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा। सीमांचल के कारोबारी, छात्र और आम नागरिक जो अभी तक सड़क और रेल यात्रा पर निर्भर थे, अब सीधे हवाई सेवा का लाभ उठा सकेंगे।