पटना: बिहार विधान परिषद में आज एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया गया, जिसमें बिहार के माननीयों को पटना में अपना घर मिलने की मांग की गई। इस पर सभापति ने पूरी तरह से सहमति जताई और सरकार से आग्रह किया कि सदस्यों को उनके रिटायरमेंट के बाद राजधानी में घर मिलना चाहिए। सभापति ने कहा कि जब विधायकों और विधान पार्षदों के पास पटना में घर नहीं होता, तो उनके बेटे-बेटी ताने मारते हैं, जो उनकी गरिमा के खिलाफ है। उन्होंने सहकारिता मंत्री प्रेम कुमार और वरिष्ठ मंत्री विजय चौधरी से कहा कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें और राजधानी में सदस्यों के लिए घर दिलाने में मदद करें।
सभापति ने कहा कि विधायकों और विधान पार्षदों के लिए पटना में भाड़े पर घर मिलना एक कठिन कार्य बन गया है और इसकी छवि बन चुकी है कि सरकार इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। ऐसे में सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह जमीन उपलब्ध कराए, ताकि इन माननीयों को उनके जीवन के इस महत्वपूर्ण मोड़ पर आवास की सुविधा मिल सके।
पटना में सदस्यों को प्लॉट देने की बात उठने पर सबसे पहले नगर विकास मंत्री जीवेश मिश्रा ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि यह मामला सहकारिता विभाग से जुड़ा हुआ है, और उनके विभाग के अंतर्गत नहीं आता। इस पर सभापति ने कहा कि यह सवाल भी सहकारिता विभाग से ही संबंधित है। उन्होंने मंत्री विजय बाबू से आग्रह किया कि इस मामले में समय दें और एक शिष्टमंडल मंत्री प्रेम कुमार से मिलकर इसकी आगे की प्रक्रिया को समझे।
इसके बाद, सहकारिता मंत्री प्रेम कुमार ने खड़े होकर सदन में जवाब दिया और कहा कि वे इस मामले में पूरी तरह से सदस्यों के साथ हैं। उन्होंने बताया कि सोमवार को इस विषय पर बैठक होगी, जिसमें पक्ष और विपक्ष दोनों के पांच सदस्य और विभागीय अधिकारी शामिल होंगे। वे सरकारी भूमि पर इस मुद्दे को हल करने के लिए मुख्यमंत्री की सहमति से रास्ता निकालने की कोशिश करेंगे।
सहकारिता मंत्री के इस सकारात्मक जवाब के बाद, मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि हमने पहले ही कहा था कि प्रेम बाबू सदन में प्रेम बरसाएंगे, और आज उन्होंने मूसलधार प्रेम बरसाकर इस मुद्दे को हल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।