मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कल (मंगलवार 25 मार्च) को विधान परिषद में राजद के नेताओं सहित राबड़ी देवी से भिड़ गए और तू तड़ाक कर बोलने लगे। राबड़ी देवी भी जवाब दे रही थीं। नीतीश कुमार कहने लगे कि पार्टी इसके हसबैंड का है। इसके साथ उन्होंने और भी बहुत कुछ अपशब्द कहा। कल सदन में राजद सदस्यों ने हरा टी शर्ट पहना था, उसी को लेकर नीतीश कुमार बोल रहे थे। अब तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री को सलाह देते हुए बिहार की महिलाओं से माफी मांगने के लिए कहा है।
तेजस्वी यादव ने एक्स पर लिखा है- आदरणीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी द्वारा बार-बार पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती राबड़ी देवी जी का भरे सदन में अपमान करना अत्यंत निंदनीय है। बिहार की भूमि माता सीता की जननी है। बिहार का मुखिया ही जब महिलाओं के लिए तू-तड़ाक की भाषा का प्रयोग करेगा तो बिहार का इस से बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा।
राबड़ी देवी से बोले नीतीश कुमार- ई का पहिन के आ गई हो.. राजद सदस्यों का हरा रंग देखकर भड़क गये सीएम
नेता प्रतिपक्ष ने आगे पोस्ट में लिखा- राबड़ी देवी जी बिहार के महिला सशक्तिकरण का एक जीवंत हस्ताक्षर हैं। बिहार की हर महिला में वो ये आशा, विश्वास और उत्साह जगाती हैं कि केवल पुरुष ही नहीं बल्कि यहां की नारी भी इतनी शक्तिशाली है जो अन्याय के खिलाफ जीवन पर्यन्त डट कर लड़ सकती है। अपने परिवार को संभाल सकती है और पूरे बिहार की समृद्धि में योगदान दे सकती है।
तेजस्वी ने आगे कहा, “मुख्यमंत्री की ऐसी आपत्तिजनक भाषा, दुर्व्यवहार, अशिष्ट आचरण और अपमान नारी शक्ति का घोर अपमान है तथा महिलाओं को दोयम समझने वाली पुरुषवादी मानसिकता का भी परिचायक है। नीतीश कुमार जी को अपने इस आचरण, इस टिप्पणी के लिए तुरंत प्रभाव से बिहार की महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए।”
अगला कार्यकाल नसीब नहीं होने वाला
उधर राबड़ी देवी की बेटी रोहिणी आचार्य ने भी एक्स पर पोस्ट करते हुए नीतीश कुमार पर हमला किया है। बुधवार को रोहिणी ने लिखा, “नक्कारा, खटारा, मति का मारा, मवालियों सरीखा बोलने – करने वाला, जो भी कहा जाए कम है। ‘अगला’ कार्यकाल तो नसीब नहीं होने वाला, बोली और हरकतों को देख ‘पगला’ जरूर करार दिया है लोगों ने। लोग ही कहते हैं मानसिक आरोग्यशाला, कोईलवर भेजे जाने की जरूरत है।” इसके पहले भी रोहिणी आचार्य ने लिखा था “लाल रंग देख कर सांढ़ भड़क जाता है” ये पहले से सुना और जाना था , मगर आज जाना कि “दिमागी रोगी हरा रंग देख कर भड़क – बौर्रा जाता है ” .. हद है।