[Team insider] झारखंड विधानसभा में शुक्रवार को पोषण सखी का मुद्दा गरमाया। ध्यनकर्षण प्रस्ताव के दौरान माले विधायक विनोद सिंह ने कहा कि झारखंड में कुपोषण बड़ा मुद्दा है। लिहाजा सरकार को पोषण सखी योजना को बंद नहीं करना चाहिए। पोषण सखी योजना में काम कर रही जो महिलाएं हैं, वह भी बेहद गरीब गुरबे परिवार से आती हैं। यह योजना बंद होने से उनकी आजीविका भी खतरे में पड़ जाएगी।
अनुपूरक बजट में 38 करोड़ रुपये का प्रावधान
विनोद सिंह के जवाब में महिला एवं बाल विकास मंत्री जोबा मांझी ने कहा कुपोषण झारखंड का बड़ा मुद्दा है। यह सिर्फ छह जिले का मामला नहीं है। अभी कार्यरत पोषण सखियों के 11 महीने के बकाया मानदेय के भुगतान के लिए अनुपूरक बजट में 38 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। सरकार पूरे राज्य का अध्ययन कर पोषण सखी मामले पर समेकित निर्णय लेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में अभी भी कुपोषण के मामले हैं यह गंभीर मुद्दा है लिहाजा इस मामले पर मुख्यमंत्री से विचार कर समेकित निर्णय लेंग।
भारत सरकार ने 2017 में ही मानदेय बंद कर दिया है
बहराल आपको बता दें की भारत सरकार ने 2017 में ही पोषण सखियों का मानदेय बंद कर दिया है। झारखंड सरकार इस आशा के साथ मानदेय दे रही है कि भारत सरकार इसके लिए राशि देगी। अन्य राज्यों में भी भारत सरकार ने बन्द कर दिया है। पोषण सखी योजना में काम कर रही महिला एवं कुपोषित बच्चों के लिए यह योजना जारी रहना जरूरी है देखने वाली बात होगी कि सरकार भविष्य में इस पर क्या कुछ निर्णय लेती है।