इस्लामाबाद: किस्तान पहले ही आतंकवाद, आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा था, लेकिन अब उसे अपनी ही सेना के भीतर उठे बगावत के तूफान का सामना करना पड़ रहा है। सेना के जूनियर अधिकारियों ने आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और साफ-साफ चेतावनी दी है—”तुम्हारा समय खत्म हो चुका है, अब या तो खुद इस्तीफा दो या फिर अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहो।”
पत्र के जरिए खुला विद्रोह
पाकिस्तानी सेना के कर्नल, कैप्टन और जवानों ने मुनीर को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन पर सेना को राजनीतिक हथियार बनाने और व्यक्तिगत प्रतिशोध में इस्तेमाल करने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पत्र में साफ तौर पर कहा गया है कि 1971 की तरह यह भी तुम्हारी हार का समय है और हम तुम्हें इसी अंधकार में दफन नहीं होने देंगे।
आरोपों की लंबी फेहरिस्त
मुनीर पर मुख्य रूप से लोकतंत्र को दबाने, पत्रकारों को डराने-धमकाने और सेना की छवि को धूमिल करने के आरोप लगाए गए हैं। पत्र में इमरान खान की गिरफ्तारी और 2024 के चुनावों में धांधली का भी जिक्र किया गया है। विद्रोही अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर मुनीर ने इस्तीफा नहीं दिया, तो सेना के भीतर की असली ताकत उनके खिलाफ कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगी।
सरकार के लिए बढ़ी मुसीबत
इस विद्रोह ने पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। पाकिस्तानी राजनीति में सेना का दखल हमेशा से ही प्रमुख रहा है, ऐसे में अगर सेना के भीतर ही बगावत फैलती है, तो इसका असर सीधे सरकार पर पड़ेगा। आने वाले दिनों में पाकिस्तान की सत्ता में बड़ा भूचाल देखने को मिल सकता है।