नयी दिल्ली: मिडिल क्लास के लिए एक और खुशखबरी जल्द आने वाली है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अगले महीने मिडिल क्लास को राहत देने के लिए बड़ा कदम उठा सकता है। खबर है कि अप्रैल में होने वाली मोनेटरी पॉलिसी कमिटी (एमपीसी) की बैठक में रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती का ऐलान हो सकता है। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च की ताजा रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है कि अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए आरबीआई यह फैसला ले सकता है।
क्या है पूरा मामला?
इंडिया रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री देवेंद्र कुमार पंत का कहना है कि वित्त वर्ष 2024-25 में हेडलाइन मुद्रास्फीति 4.7 प्रतिशत तक घट सकती है। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2025-26 में रेपो रेट में कुल 0.75 प्रतिशत की कटौती संभव है। अगर अमेरिका के जवाबी शुल्कों का असर उम्मीद से ज्यादा हुआ, तो आरबीआई और भी राहत दे सकता है। अगले वित्त वर्ष में एमपीसी की छह बैठकें होंगी, जिनमें पहली बैठक 7 से 9 अप्रैल को तय है।
रेटिंग एजेंसी की भविष्यवाणी
रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल 2025 की समीक्षा बैठक में रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कमी देखने को मिल सकती है। बता दें, महंगाई को काबू में रखने के लिए आरबीआई ने मई 2022 से फरवरी 2023 के बीच रेपो रेट को 2.50 प्रतिशत बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया था। इसके बाद फरवरी 2025 में इसे 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.25 प्रतिशत किया गया। अब एजेंसी का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025-26 में तीन बार कटौती के साथ रेपो रेट 5.5 प्रतिशत तक पहुंच सकता है।
मुद्रास्फीति में कमी की उम्मीद
इंडिया रेटिंग्स का मानना है कि इस साल की मार्च तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति 21 तिमाहियों बाद 4 प्रतिशत से नीचे आ सकती है। फरवरी 2025 की कटौती को मिलाकर कुल 1 प्रतिशत की राहत के बाद रेपो रेट 5.5 प्रतिशत और औसत मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत रह सकती है। इसका मतलब है कि वास्तविक रेपो रेट 1.5 प्रतिशत होगी। एजेंसी का कहना है कि फरवरी 2025 की बैठक के रिकॉर्ड से साफ है कि आरबीआई को धीमी आर्थिक वृद्धि की चिंता है। ऐसे में स्थिर मुद्रास्फीति के साथ-साथ विकास को बढ़ावा देना अब उसका फोकस होगा।
अगर यह कटौती होती है, तो होम लोन और दूसरी कर्ज की ईएमआई में कमी आ सकती है, जो मिडिल क्लास के लिए बड़ी राहत साबित होगी।