नयी दिल्ली: वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जे अब नहीं चलेंगे। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद वक्फ विधेयक अब कानून बन चुका है और महाराष्ट्र सरकार ने साफ कर दिया है कि अब अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कई नेताओं ने वक्फ की जमीन पर कब्जा कर घोटाले को अंजाम दिया है, लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा।सीएम फड़णवीस ने मीडिया से बातचीत में कहा, “कांग्रेस के कई नेताओं ने बड़ी संख्या में वक्फ की जमीनें हड़प ली हैं। नया वक्फ कानून हमें इन मामलों में पारदर्शिता और नियंत्रण देगा। इसका फायदा गरीब मुसलमानों को मिलेगा, जिनके लिए ये जमीनें असल में हैं।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि पहले कानून में ऐसे मामलों में कार्रवाई का कोई पुख्ता प्रावधान नहीं था, लेकिन अब संशोधन के बाद सरकार को पूरी ताकत मिल गई है कि वह दोषियों पर कड़ा कदम उठा सके।
आधी से ज्यादा वक्फ भूमि पर कब्जा, मराठवाड़ा सबसे आगे
महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। राज्य में वक्फ की कुल 23,566 संपत्तियां हैं, जो लगभग 92,247 एकड़ ज़मीन पर फैली हुई हैं। लेकिन इनमें से आधे से ज्यादा पर अतिक्रमण हो चुका है। मराठवाड़ा क्षेत्र में तो हालात और भी बदतर हैं, जहां 60% वक्फ संपत्तियों पर कब्जा पाया गया है।
18 साल पुराना घोटाला, पर अब तक नहीं हुई कार्रवाई
वक्फ संपत्तियों के इस बड़े घोटाले की कहानी आज की नहीं है। साल 2007 में ए.ए.टी.के शेख आयोग का गठन किया गया था ताकि वक्फ जमीनों के प्रबंधन की जांच हो सके। आयोग ने 2015 में जो रिपोर्ट सौंपी, उसमें कांग्रेस और एनसीपी के कई नेताओं पर गंभीर आरोप लगे और वक्फ बोर्ड को जमीनें वापस दिलाने की सिफारिश की गई। बावजूद इसके कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।इतना ही नहीं, 2015 में भाजपा-शिवसेना सरकार के दौरान तत्कालीन राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे ने ऐलान किया था कि अवैध रूप से हड़पी गई वक्फ जमीनों को वापस लेने के लिए विशेष कानून लाया जाएगा, लेकिन वह विधेयक भी ठंडे बस्ते में चला गया।