[Team Insider] वीपीआर मिसेज इंडिया 2022 का खिताब जीतने के बाद जमशेदपुर पहुंची। श्रमिष्ठा रॉय ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता- पिता और ससुरालवालों को दिया है। शर्मिष्ठा ने बताया कि देश के बड़े-बड़े शहरों से जुटे 450 प्रतिभागियों के बीच खिताब जितना चुनौती भरा रहा है।
पहले हुई थोड़ी परेशानी
उन्होंने अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि झारखण्ड जैसे पिछड़े राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए शुरुआत में थोड़ी परेशानी हुई।। लेकिन हौंसला नहीं हारी। जिसकी वजह से नतीजा भी बेहतर आया।
मिसेज जमशेदपुर और सावन सुंदरी का जीत चुकीं है खिताब
वहीं श्रमिष्ठा ने बताया कि इससे पहले भी वह 2016 और 2020 में मिसेज जमशेदपुर और 2019 में सावन सुंदरी का खिताब जीत चुकी थी। यही वजह रही कि इस कॉम्पिटिशन में वे सफल रहीं है। बतौर जॉर्नलिस्ट कैरियर की शुरुआत करनेवाली श्रमिष्ठा ने योग के रास्ते इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर साबित कर दिया कि इंसान के लिए कुछ भी असंभव नहीं।
पति और ननद का मिला साथ
श्रमिष्ठा ने कहा कि इंसान को सपने जरूर देखने चाहिए। क्योंकि सपने देखने से ही इंसान उसे पूरा करने का प्रयास करता है और कामयाब भी होता है।उन्होंने कहा कि पिछले साल कोविड के कारण सास और श्वसुर का निधन हो गया।लेकिन पति और ननद ने हिम्मत दी। जिसके बाद इस मुकाम को हासिल किया।