अहमदाबाद: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मीडिया एवं प्रचार विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने सोमवार को अहमदाबाद में आयोजित कांग्रेस राष्ट्रीय महा अधिवेशन के दौरान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि जब भी देश में संकट के बादल छाए, गुजरात ने हमेशा रास्ता दिखाया है। उन्होंने इस दौरान गुजरात के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करते हुए सरदार वल्लभभाई पटेल और महात्मा गांधी जैसे महान नेताओं का जिक्र किया, जो गुजरात की धरती से निकलकर राष्ट्रीय आंदोलनों के प्रतीक बने। पवन खेड़ा ने कहा, “पूरा देश कांग्रेस की तरफ देख रहा है और कांग्रेस गुजरात की तरफ देख रही है। इतिहास उठाकर देख लीजिए, जब भी देश में अंधकार छाया, गुजरात ने रास्ता दिखाया।
सरदार वल्लभभाई पटेल और महात्मा गांधी जैसे नेता गुजरात से आए थे। अब देश हमारी तरफ उम्मीद से देख रहा है कि आगे बढ़ो, हम तुम्हारे साथ हैं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि कांग्रेस का मूल आधार समर्पण, संकल्प और संघर्ष है, और जब भी पार्टी इस रास्ते पर चलती है, देश को इसका लाभ मिलता है। यह प्रेस कॉन्फ्रेंस अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के 84वें राष्ट्रीय अधिवेशन से ठीक पहले आयोजित की गई, जो 8 और 9 अप्रैल को अहमदाबाद में होने जा रहा है। यह अधिवेशन 64 साल बाद गुजरात में हो रहा है और इसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस शासित राज्यों के सभी मुख्यमंत्री, राष्ट्रीय पदाधिकारी और वरिष्ठ नेता हिस्सा लेंगे।
इस अधिवेशन में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की “जन-विरोधी नीतियों”, संविधान पर कथित हमलों और पार्टी के भविष्य के रोडमैप पर चर्चा होगी। कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने पहले बताया था कि यह अधिवेशन गुजरात में पार्टी की ऐतिहासिक उपस्थिति को रेखांकित करता है। उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 1885 में हुई थी और यह पहली बार 1902 में अहमदाबाद में आयोजित हुई थी। इसके बाद 1907, 1921 और 1938 में भी गुजरात में कांग्रेस के महत्वपूर्ण अधिवेशन हुए थे। पवन खेड़ा के बयान को कांग्रेस की उस रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है, जिसमें पार्टी गुजरात के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व का सहारा लेकर देशभर में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि गुजरात में पिछले 30 सालों में कांग्रेस का प्रभाव लगातार कम हुआ है, जहां 1985 में 149 सीटें जीतने वाली पार्टी 2022 में महज 17 सीटों पर सिमट गई थी।
ऐसे में यह अधिवेशन कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिसमें वह अपनी रणनीति को नए सिरे से तैयार कर सकती है। ANI के साथ बातचीत में पवन खेड़ा ने यह भी संकेत दिया कि आने वाले दिनों में पार्टी की ओर से कुछ ठोस प्रस्ताव सामने आ सकते हैं, जो हाल ही में मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी द्वारा जिला कांग्रेस कमेटियों के अध्यक्षों के साथ तीन दिनों तक चली लंबी चर्चाओं का नतीजा होंगे। इस बीच, सोशल मीडिया पर इस बयान को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। एक यूजर ने टिप्पणी करते हुए लिखा, “पहली बार किसी कांग्रेस प्रवक्ता को सच बोलते हुए देखा है। 2014 में भी गुजरात ने ही रास्ता दिखाया था,” जिसमें उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में BJP की जीत का जिक्र किया। कांग्रेस का यह अधिवेशन ऐसे समय में हो रहा है, जब पार्टी गुजरात में अपनी खोई हुई जमीन को वापस पाने की कोशिश कर रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह अधिवेशन और पवन खेड़ा के बयान पार्टी की भविष्य की रणनीति को कैसे प्रभावित करते हैं।