अमेरिका: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीति ने पूरी दुनिया की आर्थिक तस्वीर को हिला कर रख दिया है। ग्लोबल स्टॉक मार्केट में हाहाकार, हर तरफ गिरावट ही गिरावट और निवेशकों में भारी बेचैनी। लेकिन इस सबके बीच सबसे ज्यादा झटका जिस देश को लगा है, वो है रूस – जिसकी अर्थव्यवस्था अब गहरे संकट की ओर बढ़ रही है। बता दें ट्रंप ने हाल ही में अपनी नई टैरिफ नीति की घोषणा करते हुए: चीन से आने वाले उत्पादों पर 34% टैरिफ, भारत पर 26%, यूरोपीय यूनियन से आयात पर 20% शुल्क और पूरी दुनिया पर 10% का अतिरिक्त टैक्स थोप दिया। इस घोषणा के कुछ ही घंटों में वैश्विक बाज़ारों में गिरावट का दौर शुरू हो गया। लेकिन सबसे बड़ा असर पड़ा तेल की कीमतों पर।
माना जा रहा कि रूस का प्रमुख क्रूड ऑयल Urals Crude, जिसकी कीमत पहले 65 डॉलर प्रति बैरल के आसपास थी, गिरकर 50 डॉलर के करीब आ गई। मार्च में ही रूस की तेल और गैस से होने वाली कमाई में 17% की गिरावट दर्ज की गई थी, और अप्रैल की शुरुआत में हालात और बिगड़ गए। इधर रूसी सरकार के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने इस पर बयान जारी करते हुए कहा कि “सरकार स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है और आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाएगी।” मालूम हो कि दुनिया भर के बाजारों में उथल-पुथल
ट्रंप की इस नीति से केवल रूस ही नहीं, बल्कि पूरा ग्लोबल मार्केट हिल गया। 72 घंटे में ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा की संपत्ति साफ हो गई ।
अमेरिकी WTI क्रूड गिरकर 60 डॉलर/बैरेल, इंटरनेशनल ब्रेंट क्रूड 64 डॉलर/बैरेल पर पहुंच गया। इधर ट्रंप ने कहा “सब कुछ ठीक है!” ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा “तेल सस्ता है, ब्याज दरें कम हैं, महंगाई नहीं है, और अमेरिका अब टैरिफ से अरबों डॉलर कमा रहा है।” उन्होंने चीन पर फिर हमला बोला और कहा कि दशकों से अमेरिका के साथ हुए “शोषण” का अब जवाब दिया जा रहा है। इन सबके बीच तेल, गैस और मिनरल एक्सपोर्ट पर निर्भर रूस की अर्थव्यवस्था के लिए यह एक बड़ी चेतावनी है। वैश्विक मंदी के संकेत मिलने लगे हैं और निवेशक डरे हुए हैं। वही सवाल ये है कि क्या ट्रंप की ये आक्रामक टैरिफ नीति दुनिया को एक और आर्थिक संकट की ओर धकेल रही है? और क्या रूस इस झटके से उबर पाएगा?