नई दिल्ली: दिल्ली सरकार में मंत्री प्रवेश वर्मा ने गुरुवार को घोषणा की कि उनकी सरकार मानसून आने से पहले दिल्ली में जितनी संभव हो सके, उतनी सड़कों का निर्माण करेगी ताकि शहर में धूल-मिट्टी से होने वाले प्रदूषण को कम किया जा सके। यह बयान ऐसे समय में आया है जब दिल्ली में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बनी हुई है, खासकर मानसून के बाद के महीनों में।
एएनआई को दिए एक बयान में प्रवेश वर्मा ने कहा, “हम मानसून आने से पहले जितनी संभव हो सके, उतनी सड़कें बनाने की कोशिश कर रहे हैं… हम पूरी दिल्ली में ऐसी कोई सड़क नहीं छोड़ेंगे, जहां धूल-मिट्टी उड़ेगी। जब सरकार सड़क पर उतरेगी, तब हमारे अधिकारी भी उतरेंगे। जब वे अधिकारी सड़कों पर उतरेंगे, तो काम होगा।”
वायु प्रदूषण पर लगाम की कोशिश
दिल्ली में सड़कों से उड़ने वाली धूल वायु प्रदूषण का एक प्रमुख कारण है। 2018 में द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (TERI) की एक स्टडी के अनुसार, सड़कों से उड़ने वाली धूल दिल्ली के पार्टिकुलेट मैटर (PM) प्रदूषण में लगभग एक-तिहाई योगदान देती है। इसके अलावा, साइंसडायरेक्ट की एक हालिया रिपोर्ट में बताया गया कि दिल्ली में पोस्ट-मानसून सीजन के दौरान सड़क परिवहन और धूल से होने वाला प्रदूषण PM2.5 के स्तर को 20% तक बढ़ा देता है।
नई सरकार की प्राथमिकता
प्रवेश वर्मा ने फरवरी 2025 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हराकर जीत हासिल की थी। इसके बाद उन्हें दिल्ली सरकार में पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (PWD) सहित कई महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई। सड़क बुनियादी ढांचे की कमी और रखरखाव की खराब स्थिति हाल के चुनावों में एक बड़ा मुद्दा रही थी, जिसे वर्मा ने अपनी प्राथमिकता बनाया है।
पिछले प्रयासों का संदर्भ
दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पहले भी कई कदम उठाए गए हैं। 2021 में कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने निर्माण परियोजनाओं की निगरानी के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए थे ताकि धूल प्रदूषण को कम किया जा सके। वर्मा का यह नया कदम उसी दिशा में एक और प्रयास है, जो दिल्ली की हवा को साफ करने और निवासियों को बेहतर पर्यावरण देने की दिशा में काम करेगा।
मानसून के बाद की चुनौती
दिल्ली में हर साल मानसून के बाद, अक्टूबर से फरवरी के बीच, वायु प्रदूषण अपने चरम पर पहुंच जाता है। ठंडी हवाओं और हवा की गति में कमी के कारण प्रदूषक तत्व हवा में जमा हो जाते हैं, जिससे AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है। वर्मा का यह कदम इस मौसमी संकट से निपटने की दिशा में एक ठोस पहल माना जा रहा है।
दिल्लीवासियों को उम्मीद है कि इस पहल से न केवल सड़कों की स्थिति में सुधार होगा, बल्कि शहर की हवा में सांस लेना भी आसान हो सकेगा।