वक्फ बिल में किए गए संशोधन के विरोध में एदारा ए शरिया के तत्वावधान में एक अहम कॉन्फ्रेंस का आयोजन पटना में किया गया। इस सम्मेलन में बिहार और झारखंड के विभिन्न खानकाहों के सज्जादा नशीन, प्रमुख मौलानाओं के साथ-साथ राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों ने भी भाग लिया। एदारा ए शरीफ के नायब गुलाम रसूल बलियावी ने कहा कि वे इस बिल की खिलाफत पहले ही कर चुके है। वे पहले इस एदारा के नायब है फिर जेडीयू नेता। बलियावी ने कहा की पार्टी में रहेंगे या नहीं इसका फैसला बाद में.लेकिन जल्द ही लेंगे। हालांकि उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने मुसलमानो के लिए बहुत काम किया है लेकिन कही न कही उनसे भी चूक हो गई है।
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सम्मेलन में जेडीयू के पूर्व एमएलसी गुलाम रसूल बलयाबी, सैयद शाह शमीमुद्दीन अहमद मूनएमि सहित कई अन्य प्रमुख चेहरों ने शिरकत की। सभी वक्ताओं ने वक्फ संशोधन बिल पर गंभीर चिंता व्यक्त की और इसे वक्फ संपत्तियों और मुस्लिम समुदाय के अधिकारों के खिलाफ बताया। सम्मेलन में वक्ताओं ने एक सुर में कहा कि इस बिल से वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता को खतरा है और इससे धार्मिक संस्थानों के संचालन में सरकारी हस्तक्षेप बढ़ेगा।
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सभी ने सरकार से इस संशोधन को वापस लेने की मांग की और भविष्य में एकजुट होकर संघर्ष करने का संकल्प लिया। बता दें कि प्रतिनिधि परामर्श बैठक के बैनर तले वक्ताओं ने वक्फ संशोधन बिल को मुस्लिम समाज की धार्मिक और सामाजिक आज़ादी पर हमला करार दिया। वक्फ बिल का विरोध करने के लिए वक्फ लीगल सेल बनाया गया है। सुप्रीम कोर्ट भी जायेंगे और जरूरत पड़ने पर सड़क पर भी उतरेंगे।