मुंबई: 1993 मुंबई बम धमाकों और बिल्डर प्रदीप जैन की हत्या मामले में दोषी करार दिए गए गैंगस्टर अबू सलेम ने बॉम्बे हाईकोर्ट में रिहाई की मांग करते हुए याचिका दाखिल की है। सलेम का दावा है कि उसने अदालत द्वारा दी गई 25 साल की सजा पूरी कर ली है, जो 31 मार्च 2025 को समाप्त हो चुकी है। अबू सलेम वर्तमान में महाराष्ट्र के नासिक केंद्रीय कारागार में बंद है।
जस्टिस जी. एस. कुलकर्णी और जस्टिस अद्वैत सेठना की पीठ ने अबू सलेम की याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और महाराष्ट्र सरकार से जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 29 अप्रैल को होगी। सलेम की ओर से पेश वकील फरहाना शाह ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश और पुर्तगाल को दिए गए प्रत्यर्पण आश्वासन के मुताबिक, उसे 25 साल से अधिक जेल में नहीं रखा जा सकता। 11 जुलाई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि भारत सरकार को पुर्तगाल के साथ किए गए प्रत्यर्पण समझौते का पालन करना होगा। इस समझौते के तहत सलेम को अधिकतम 25 साल की सजा दी जा सकती है। कोर्ट ने आदेश दिया था कि सजा पूरी होने के एक महीने के भीतर जरूरी प्रक्रिया पूरी कर ली जाए।
वकील फरहाना शाह ने कोर्ट को बताया कि अबू सलेम का जेल में आचरण अच्छा रहा है और कानूनन उसे समय से पहले रिहा किया जा सकता था। उन्होंने यह भी कहा कि सलेम की सजा की गणना 12 अक्टूबर 2005 से की गई है, लिहाजा 25 साल की सजा 31 मार्च 2025 को पूरी हो चुकी है। अबू सलेम को 2002 में पुर्तगाल में गिरफ्तार किया गया था और 2005 में प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया था। प्रत्यर्पण के समय भारत सरकार ने आश्वासन दिया था कि उसे 25 साल से अधिक की सजा नहीं दी जाएगी। पहले उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी, जिसे बाद में इस आश्वासन के आधार पर संशोधित किया गया। अब देखना होगा कि कोर्ट सलेम की अपील पर क्या फैसला सुनाता है। मामले ने एक बार फिर 1993 के बम धमाकों की यादें ताजा कर दी हैं, जिनमें 250 से ज्यादा लोगों की जान गई थी।