इस्लामाबाद: पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा फिर से सवालों के घेरे में है। एक सनसनीखेज खुलासे में, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों ने कराची के मसरूर एयरबेस पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के आतंकियों द्वारा रची गई एक खौफनाक साजिश को नाकाम कर दिया है। इस रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण एयरबेस को निशाना बनाने की योजना अफगानिस्तान में बैठे TTP के एक कमांडर ने बनाई थी, जिसे पाकिस्तानी मीडिया ने सूत्रों के हवाले से उजागर किया। इस हमले को अंजाम देने के लिए 9 खूंखार आतंकी तैयार थे, जिनमें 5 अफगानी मूल के थे। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, कराची में स्थित यह एयरबेस पाकिस्तानी वायुसेना का गढ़ है, जहां परमाणु हथियारों का भंडार होने के साथ-साथ एफ-16 और जे-10सी जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान तैनात हैं। TTP लंबे समय से इन परमाणु हथियारों पर कब्जे की फिराक में है।
आतंकियों का खतरनाक मंसूबा
पाकिस्तानी अखबार द न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकियों का इरादा एयरबेस पर हमला कर उसे अपने कब्जे में लेना, लड़ाकू विमानों और बुनियादी ढांचे को नष्ट करना, और लंबे समय तक वहां डटे रहना था। उनका लक्ष्य था अधिकतम तबाही मचाना और आखिरी सांस तक लड़ते रहना। ये आतंकी हाल ही में अफगानिस्तान से घुसपैठ कर पाकिस्तान पहुंचे थे।
13 महीने की साजिश और रेकी
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हमले की साजिश पिछले 13 महीनों से अफगानिस्तान में रची जा रही थी। आतंकियों ने एयरबेस के नजदीक एक घर किराए पर लिया और बेस की गहन रेकी की। जैसे ही वे हमले को अंजाम देने की तैयारी में थे, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों ने उन्हें धर दबोचा। इस साजिश में शामिल कई अन्य संदिग्धों को भी देश के अलग-अलग हिस्सों से गिरफ्तार किया गया है।
बताया जा रहा है कि यह साजिश उसी TTP कमांडर ने रची, जिसने 2024 में कराची में चीनी इंजीनियरों पर हमला करवाया था। यह कमांडर IED बनाने में माहिर है और उसे तालिबान से विशेष प्रशिक्षण प्राप्त है। पाकिस्तानी सेना का दावा है कि इस साजिश के पीछे किसी विदेशी खुफिया एजेंसी का हाथ है, जो पाकिस्तान को अस्थिर करना चाहती है।
मसरूर एयरबेस: परमाणु हथियारों का गढ़
एक रिपोर्ट में भारतीय सेना के पूर्व कर्नल विनायक भट्ट ने बताया कि मसरूर एयरबेस पर विशेष बंकर बनाए गए हैं, जहां RAAD मिसाइलों के साथ परमाणु हथियार रखे जाते हैं। ये बंकर इतने मजबूत हैं कि इन्हें नष्ट करना बेहद मुश्किल है। इसके अलावा, एयरबेस पर विमान शेल्टर को भी तीन परतों वाली संरचना के साथ बनाया गया है, ताकि भारतीय वायुसेना के बंकर बस्टर बमों से भी इन्हें बचाया जा सके।
इस एयरबेस पर एक स्वचालित प्रणाली है, जो रिमोट कंट्रोल के जरिए 6 से 10 RAAD मिसाइलों को विमान शेल्टर तक पहुंचा सकती है। यह सिस्टम 3 से 5 लड़ाकू विमानों को लैस करने में सक्षम है, जिससे पाकिस्तानी वायुसेना की जवाबी कार्रवाई की ताकत बढ़ जाती है।
परमाणु हथियारों का जखीरा
पाकिस्तान के पास अनुमानित 170 परमाणु हथियार हैं। मसरूर एयरबेस से महज 15 मील की दूरी पर मेहरान नेवल बेस भी है, जहां पाकिस्तानी नौसेना ने भी परमाणु हथियार रखे हैं। इस खुलासे ने एक बार फिर पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा को लेकर वैश्विक चिंताएं बढ़ा दी हैं।