बिहार अब सिर्फ इतिहास और संस्कृति की धरती नहीं, बल्कि भविष्य की संभावना बनकर उभर रहा है। नीतीश सरकार ने विकास की रफ्तार को एक बार फिर नया आयाम देने का फैसला किया है। इस बार फोकस है पर्यटन पर — और मंच है पटना, जहां अब पांच सितारा मेहमाननवाजी की चमक दिखाई देगी।
जी हां, पटना में तीन फाइव स्टार होटलों के निर्माण की घोषणा कर सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि बिहार अब केवल “बुद्ध की भूमि” नहीं, बल्कि “बिलियन डॉलर टूरिज्म डेस्टिनेशन” बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
तीन सितारे नहीं, अब पांच सितारे — पटना की पहचान बदलेगी
पर्यटन मंत्री राजू कुमार सिंह ने सूचना भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में ऐलान किया कि पाटलिपुत्र अशोक होटल, बांकीपुर बस स्टैंड और सुल्तान पैलेस परिसर की ज़मीन पर पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड में तीन फाइव स्टार होटलों का निर्माण होगा। परियोजना से करीब 1000 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद की जा रही है। और यह सिर्फ होटल नहीं, यह बिहार के आत्मविश्वास का नया निर्माण है।
पटना से परे भी बहेगा विकास का झरना
राज्य सरकार सिर्फ राजधानी में नहीं, बल्कि सीतामढ़ी, रोहतास और बक्सर जैसे जिलों में भी बजट होटलों का निर्माण करवाने जा रही है, जिसके लिए 84.27 करोड़ रुपये पहले ही आवंटित किए जा चुके हैं।
मुंगेर के असरगंज में तीर्थयात्रियों के लिए शेड और कैफेटेरिया और पुनौराधाम में मां जानकी जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए 120 करोड़ रुपये की लागत से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है।
इतना ही नहीं, वाल्मीकिनगर का लवकुश आश्रम, बक्सर का रामरेखा घाट, अहिल्या स्थान और फुलहर स्थान — ये सभी अब सिर्फ धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्र बनने की तैयारी में हैं।
पर्यटन सचिव लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि सरकार ने जिला मुख्यालयों और अनुमंडल स्तर पर होटलों के निर्माण के लिए न्यूनतम निवेश सीमा को घटा दिया है। अब फोर स्टार होटल के लिए निवेशकों को कम पूंजी में भी अवसर मिलेगा — जिला मुख्यालयों में तीन सितारा होटल के लिए सिर्फ 7.5 करोड़, और अनुमंडल स्तर पर दो सितारा होटल के लिए 5 करोड़ रुपये निवेश की आवश्यकता होगी।
पर्यटन से बदलेगा बिहार का चेहरा
वर्ष 2024 में बिहार में 6.60 करोड़ से अधिक पर्यटक पहुंचे — यह आंकड़ा बताता है कि बिहार की छवि अब बदल रही है। राज्य सरकार ने 1328 करोड़ रुपये की नई पर्यटन परियोजनाएं स्वीकृत की हैं, जो आने वाले वर्षों में बिहार के पर्यटन परिदृश्य को पूरी तरह से नया रूप देंगी।